बिहार में विधानसभा चुनावी सरगर्मी अब चरम पर है और इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले कुछ दिनों में राज्यभर में ताबड़तोड़ जनसभाओं का सिलसिला शुरू करने जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी चार दिनों के भीतर कुल 12 चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। यह दौरा एनडीए की ओर से चुनाव प्रचार को नई गति देने और मतदाताओं के बीच सीधा संवाद स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री की रैलियों की शुरुआत पटना या सासाराम से हो सकती है, जिसके बाद वे गया, दरभंगा, मुज़फ़्फ़रपुर, भागलपुर, समस्तीपुर, सहरसा, अररिया, पश्चिम चंपारण और पूर्वी चंपारण जैसे प्रमुख जिलों में जनसभाएँ करेंगे। कार्यक्रम इस तरह से तय किया गया है कि वे एक ही दिन में दो से तीन रैलियाँ भी संबोधित करेंगे, ताकि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों को कवर किया जा सके। इस मेगा कैंपेन का उद्देश्य न केवल एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाना है, बल्कि विपक्षी गठबंधन पर दबाव भी बढ़ाना है।
बीजेपी और एनडीए नेताओं का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और उनके भाषणों का असर बिहार के मतदाताओं पर गहरा पड़ता है। इसलिए यह रैली श्रृंखला चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है। वहीं पार्टी संगठन ने प्रत्येक जिले में सभा स्थलों की तैयारियाँ तेज कर दी हैं। सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन के लिए स्थानीय प्रशासन को भी सतर्क किया गया है।
इस चार दिवसीय दौरे को लेकर बिहार की राजनीतिक फिज़ा में पहले से ही उत्सुकता है। जानकारों के मुताबिक, मोदी की यह प्रचार यात्रा न केवल एनडीए कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करेगी, बल्कि महागठबंधन के लिए भी रणनीति तय करने की नई चुनौती पेश करेगी। चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री की इस आक्रामक रैली योजना से राज्य की राजनीति में नई हलचल तेज हो गई है।













