बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में एक चुनावी रैली के दौरान विपक्ष पर तीखा हमला बोला। शाह ने अपने संबोधन में कहा कि लालू प्रसाद यादव और राहुल गांधी की जोड़ी “जंगलराज की वापसी” का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों ने पहले भी जंगलराज का दौर देखा है, जब अपराध, भ्रष्टाचार और असुरक्षा चरम पर थी। अब अगर जनता ने फिर से ऐसी जोड़ी को मौका दिया, तो राज्य फिर उसी अराजकता के युग में लौट जाएगा।
अमित शाह ने एनडीए की सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने विकास और सुशासन की दिशा में बड़ी प्रगति की है। उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त योजनाओं से सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार को नई पहचान मिली है और आज बिहार “अपराधमुक्त और विकासशील राज्य” की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
सभा के दौरान अमित शाह ने चुनावी उत्साह को बढ़ाते हुए कहा कि “14 नवंबर को बिहार में बड़ी दिवाली मनाई जाएगी।” उनका इशारा एनडीए की संभावित जीत की ओर था। शाह ने कहा कि बिहार की जनता इस बार परिवारवाद, जातिवाद और भ्रष्टाचार की राजनीति को हमेशा के लिए समाप्त कर देगी और विकास की राजनीति को चुनेगी। उन्होंने दावा किया कि जिस तरह मोदी सरकार ने देश के लिए मजबूत नीतियां लागू की हैं, उसी तरह बिहार में भी एनडीए की सरकार जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम है।
गृह मंत्री ने अपने भाषण में विपक्ष पर जमकर प्रहार करते हुए कहा कि “लालू यादव और राहुल गांधी की जोड़ी केवल परिवार के हितों की राजनीति करती है, जनता के हितों की नहीं।” उन्होंने कहा कि महागठबंधन के पास ना तो कोई ठोस योजना है और ना ही बिहार के भविष्य की स्पष्ट दृष्टि। शाह ने जनता से अपील की कि वे उन ताकतों को वोट दें जो राज्य में स्थायी शांति, रोजगार और विकास लाने के लिए काम कर रही हैं।
इस दौरान शाह ने यह भी कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद कानून व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में जो बदलाव आया है, वह जनता की आंखों के सामने है। उन्होंने कहा कि आज बिहार की सड़कों पर विकास की गूंज है और गांवों में बिजली व पानी की सुविधा पहुंच चुकी है। शाह ने भरोसा जताया कि आगामी चुनाव में जनता भाजपा और उसके सहयोगियों को भारी समर्थन देगी, जिससे राज्य का भविष्य और मजबूत होगा।
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, अमित शाह का यह बयान न केवल विपक्षी दलों पर हमला था बल्कि यह भाजपा के प्रचार अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। ‘बड़ी दिवाली’ का प्रतीकात्मक उल्लेख यह दर्शाता है कि पार्टी चुनावी जीत को जनता के उत्सव से जोड़ने की कोशिश कर रही है। बिहार में आगामी चरणों में मतदान से पहले यह रैली चुनावी माहौल को और गरमा सकती है।













