जीएसटी सुधारों से कम हुआ महंगाई का बोझ, विपक्ष पर बरसे प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोएडा में आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) के उद्घाटन समारोह में कहा कि हाल ही में लागू किए गए जीएसटी सुधारों से आम लोगों को सीधा फायदा हो रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि टूथपेस्ट और शैम्पू जैसी रोज़मर्रा की जरूरतों की वस्तुओं से लेकर स्कूटर, मोटरसाइकिल और किसानों के लिए ट्रैक्टर तक पर कर का बोझ घटाया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सुधार केवल दरों में कटौती तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरी जीएसटी व्यवस्था को सरल, पारदर्शी और व्यापार के अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। सरकार ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाने, छोटे व्यवसायों के लिए रिफंड की गति बढ़ाने और कर विवादों को कम करने जैसी पहलें भी की हैं।

मोदी ने विपक्ष—विशेषकर कांग्रेस—पर आरोप लगाया कि वह जीएसटी के बारे में झूठ फैला रही है और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। उनका कहना था कि अतीत में कुछ नीतियों की वजह से कर का बोझ बढ़ा था, लेकिन मौजूदा बदलावों का मकसद इस बोझ को कम करना और उपभोक्ताओं तथा उत्पादकों दोनों को राहत देना है।

नए जीएसटी ढांचे को मीडिया में ‘जीएसटी 2.0’ कहा जा रहा है। इसके तहत कई उपभोक्ता वस्तुएं और सेवाएं कम कर दर वाले स्लैब में लाई गई हैं या करमुक्त की गई हैं। इसका सीधा असर परिवारों की सालाना बचत पर दिख रहा है और सरकार का दावा है कि घरेलू मांग और एमएसएमई क्षेत्र को भी इससे मजबूती मिल रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने संकेत दिया कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी, सरकार टैक्स में और राहत देने के विकल्प तलाशेगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि कर दरों का सरलीकरण और स्लैबों का संतुलन उपभोक्ता स्तर पर तुरंत असर डालता है, लेकिन राज्यों और केंद्र के राजस्व संतुलन पर इसका असर धीरे-धीरे सामने आएगा। सरकार ने आश्वासन दिया है कि जीएसटी परिषद और अन्य निकाय इस प्रक्रिया को समन्वय से लागू कर रहे हैं, ताकि छोटे व्यवसायियों और किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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