पटना: बिहार की सियासत में गरमा-गरमी तेज हो गई है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को पटना की सिविल कोर्ट ने मानहानि मामले में 17 अक्टूबर, 2025 को पेश होने का आदेश दिया है। यह केस राज्य के मंत्री अशोक चौधरी द्वारा दायर किया गया है।
प्रशांत किशोर ने पिछले शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में सम्राट चौधरी, मंगल पांडेय, अशोक चौधरी, दिलीप जायसवाल और संजय जायसवाल को लेकर नए आरोप लगाए थे। पीके ने अशोक चौधरी पर शांभवी की सगाई से शादी के बीच में पटना में 38 करोड़ की पांच जमीन खरीदने और दो साल में 200 करोड़ की बेनामी संपत्ति जुटाने का आरोप लगाया था। जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने पार्टी की तरफ से चौधरी को इस आरोप पर सफाई देने कहा है।
प्रशांत किशोर ने बेनामी संपत्ति जुटाने के आरोप में अशोक की पत्नी नीता चौधरी, बेटी शांभवी चौधरी, दामाद सायन कुणाल और समधन अनिता कुणाल को भी लपेट लिया है। अशोक चौधरी ने ताजा आरोप को लेकर प्रशांत किशोर को 100 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा है। चौधरी ने कहा है कि प्रशांत किशोर की बातें सरासर झूठ है। उन्होंने कहा कि शांभवी ने अपनी वैधानिक आय एवं संसाधनों से जमीन खरीदी थी, जो चुनावी शपथ पत्र में है। चौधरी ने कहा कि उनकी पत्नी नीता और समधन अनिता के बीच बैंकिंग लेन-देन की बात भी गलत है।
अदालत ने अब इस मामले में समन जारी करते हुए किशोर को अगली सुनवाई की तारीख पर उपस्थित होने का आदेश दिया है।
इधर, प्रशांत किशोर ने पलटवार करते हुए कहा है कि उन्हें किसी भी मुकदमे या नोटिस से डराया नहीं जा सकता। उन्होंने इस पूरे विवाद को राजनीति से प्रेरित करार दिया है।
