श्रीनगर, 12 अगस्त 2025 — जम्मू-कश्मीर की राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने 1990 में हुई कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट हत्याकांड की जांच के तहत मंगलवार को श्रीनगर के विभिन्न इलाकों में आठ स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) से जुड़े ठिकानों की भी तलाशी ली, जिनमें अलगाववादी नेता यासिन मलिक का आवास भी शामिल बताया जा रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई पुराने लंबित मामलों में नए सिरे से जांच और सबूत जुटाने की प्रक्रिया का हिस्सा है। फिलहाल तलाशी में बरामद सामग्री और जब्त दस्तावेजों के बारे में आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है।
मामले की पृष्ठभूमि
अप्रैल 1990 में अनंतनाग की रहने वाली और शेरे-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान (SKIMS) में कार्यरत नर्स सरला भट्ट का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था। आरोप है कि उनके साथ अमानवीय व्यवहार और सामूहिक दुष्कर्म के बाद उनकी निर्मम हत्या की गई थी। उनका शव डाउनटाउन श्रीनगर में बरामद हुआ था। यह घटना उस दौर में हुई जब कश्मीरी पंडितों पर लक्षित हमलों और बड़े पैमाने पर पलायन की घटनाएं चरम पर थीं।
पुराने केस की नई जांच
SIA और पुलिस की संयुक्त टीम ने मंगलवार को सुबह से श्रीनगर के कई इलाकों में दबिश दी। जांच एजेंसी का कहना है कि यह कार्रवाई पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में पहले भी अलगाववादी नेताओं और संगठनों के नाम सामने आए थे। यासिन मलिक पहले से ही कई मामलों में जेल में बंद हैं, जिनमें आतंकवाद और हिंसा से जुड़े गंभीर आरोप शामिल हैं।
संवेदनशीलता और महत्व
कश्मीरी पंडितों के खिलाफ 1990 के दशक की घटनाएं आज भी जम्मू-कश्मीर की सामुदायिक स्मृति में गहरे अंकित हैं। लंबे समय से लंबित मामलों की दोबारा जांच को कई पीड़ित परिवार न्याय की उम्मीद के रूप में देख रहे हैं। SIA की यह छापेमारी उस दिशा में एक बड़ा संकेत मानी जा रही है।
