SIR बहस को लेकर संसदीय गतिरोध, रिजिजू बोले: “समयसीमा तय करना उचित नहीं”

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संसद के शीतकालीन सत्र में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर राजनीतिक गरमाहट देखी गई। विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को लेकर चिंता जताई है और तत्काल चर्चा की मांग की है। उनका कहना है कि SIR की गति और तरीके चुनावी निष्पक्षता पर असर डाल सकते हैं और नागरिकों के वोटिंग अधिकारों के लिए यह संवेदनशील विषय है। विपक्ष ने पारदर्शिता, बूथ-लेवल अधिकारियों (BLOs) की जिम्मेदारियों और SIR से जुड़े संभावित नकारात्मक प्रभावों पर तत्काल बहस की मांग की।

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य सांसदों ने सदन में जोर देकर कहा कि इस विषय पर तुरंत चर्चा होना चाहिए। उन्होंने संसदीय नियमों के तहत इसे प्राथमिकता देने का आग्रह किया और इस मुद्दे को लेकर सदन में हंगामा और वॉकआउट जैसी घटनाएं भी हुईं। विपक्ष का तर्क है कि समय पर कार्रवाई और स्पष्ट बहस जनता का विश्वास बहाल कर सकती है।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार SIR या मतदाता सूची से जुड़े किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि विपक्ष द्वारा किसी समयसीमा को थोपना उचित नहीं है। रिजिजू ने कहा कि चर्चा का समय और रूप सभी दलों के परामर्श और संसदीय प्रक्रियाओं के अनुसार तय किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विशिष्ट विषय पर समय सीमा निर्धारित करना संसदीय परंपरा और नियमों के अनुरूप नहीं होगा।

संसद की कार्यसूची के अनुसार, कुछ अन्य विषय पहले सूचीबद्ध हैं, जबकि SIR पर बहस के लिए अलग समय आवंटित किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि निकट भविष्य में उच्च सदन में SIR पर चर्चा के लिए संभावित तिथियों पर विचार किया जा सकता है। सभी पक्षों के बीच परामर्श के बाद ही बहस का सटीक समय तय होगा, ताकि सत्र का संचालन व्यवस्थित और प्रभावी ढंग से हो सके।

SIR जैसे संवेदनशील मुद्दे का संसद में उठना सामान्य है, लेकिन इस बार इसके राजनीतिक और सार्वजनिक महत्व को लेकर दोनों पक्षों के बीच तीव्र विवाद देखा जा रहा है। विपक्ष का मानना है कि त्वरित और पारदर्शी बहस ही जनता के विश्वास को कायम रख सकती है, जबकि सरकार का कहना है कि चर्चा के लिए प्रक्रियागत समन्वय और समय निर्धारण जरूरी है। निकट भविष्य में होने वाली सभी परामर्श और बैठकों के फैसले इस बहस की दिशा तय करेंगे।

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