फडणवीस ने राज्य निर्वाचन आयोग पर साधा निशाना, कहा चुनाव रद्द करने का फैसला गलत

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महाराष्ट्र में कुछ नगर परिषदों और स्थानीय निकायों के चुनावों को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा स्थगित किए जाने के फैसले के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस निर्णय पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आयोग किससे सलाह लेकर ऐसा कदम उठा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून के अनुसार किसी उम्मीदवार द्वारा याचिका दायर होना किसी चुनाव को रद्द या स्थगित करने का वैध आधार नहीं बन सकता। फडणवीस ने यह भी कहा कि अंतिम समय पर चुनाव स्थगित करना उन उम्मीदवारों के साथ अन्याय है, जिन्होंने नामांकन और प्रचार जैसी सभी तैयारी पूरी कर ली थी।

राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी ओर से कहा है कि कुछ उम्मीदवारों की उम्मीदवारी खारिज होने या उनके नामांकन पर लंबित याचिकाओं (sub‑judice) के कारण यह निर्णय लिया गया। हालांकि, मुख्यमंत्री और उनके समर्थकों का तर्क है कि पेंडिंग याचिका का यह फैसला चुनाव स्थगित करने का आधार नहीं बन सकता और इससे उम्मीदवारों की मेहनत और समय व्यर्थ हो गया। फडणवीस ने आयोग से भविष्य में ऐसे अचानक और विवादास्पद फैसलों से बचने की चेतावनी भी दी।

राज्य में इन चुनाव स्थगनों को लेकर राजनीतिक माहौल तनावपूर्ण है। फडणवीस की आलोचना के साथ ही विपक्ष और अन्य राजनीतिक दलों ने भी आयोग की निष्पक्षता और स्वतंत्रता पर सवाल उठाए हैं। इस घटना ने महाराष्ट्र में चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर फिर से चर्चा छेड़ दी है। अब यह देखना बाकी है कि आयोग इस विवाद के समाधान के लिए क्या कदम उठाता है और स्थगित चुनाव कब पुनः आयोजित किए जाते हैं।

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