यूक्रेन और रूस के बीच लंबे समय से जारी युद्ध को समाप्त करने की संभावनाओं के बीच यूक्रेन की ओर से एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक पहल सामने आई है। यूक्रेन का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका पहुंचा है, जहाँ वह वॉशिंगटन के अफ़सरों के साथ संभावित शांति-रूपरेखा पर गहन चर्चा करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व देश के सुरक्षा परिषद सचिव रुस्टेम उमेरोव कर रहे हैं, जो हाल के महीनों में वार्ता प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका निभाते आए हैं। उनका यह दौरा जिनेवा में हुई पिछली चर्चाओं के बाद हो रहा है, जहाँ यूक्रेन ने अमेरिकी शांति-प्रस्ताव पर अपने सुझाव और विकल्प पेश किए थे। अब उम्मीद है कि वॉशिंगटन में होने वाली बातचीत इस मसौदे को अंतिम रूप देने में अहम मोड़ साबित हो सकती है।
इस दौरे के साथ ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के हालिया बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई चर्चाएँ शुरू कर दी हैं। जेलेंस्की ने कहा है कि जिनेवा की वार्ताएँ “रचनात्मक और सकारात्मक” रही हैं तथा आगे की बातचीत का उद्देश्य शांति-प्रक्रिया को ठोस रूप देना है। उनके इन संकेतों को युद्धविराम की दिशा में आशा के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही, जेलेंस्की ने यह भी दोहराया कि यूक्रेन की प्राथमिकता युद्ध को सम्मानजनक और स्थायी समाधान के साथ समाप्त करना है, ताकि देश में जारी मानव और आर्थिक क्षति को रोका जा सके।
अमेरिका भी इस वार्ता को अत्यंत महत्वपूर्ण मान रहा है। वॉशिंगटन के वरिष्ठ प्रतिनिधि, जिसमें विदेश विभाग और व्हाइट हाउस के अधिकारी शामिल हैं, यूक्रेनी टीम के साथ एक श्रृंखला में बैठकों के लिए तैयार हैं। अमेरिका का कहना है कि उसका उद्देश्य एक ऐसी रूपरेखा तैयार करना है जो “न्यायपूर्ण और टिकाऊ शांति” सुनिश्चित कर सके। हालांकि कुछ यूरोपीय देशों और समीक्षकों ने इस अमेरिकी प्रस्ताव पर सवाल उठाए हैं, फिर भी वॉशिंगटन और कीव इसे एक संभावित रास्ते के रूप में देख रहे हैं।
इस कूटनीतिक गतिविधि के बीच यूक्रेन में जमीनी हालात लगातार चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। हाल के रूसी मिसाइल और ड्रोन हमलों ने कई शहरों में तबाही मचाई है, जिससे नागरिकों को न सिर्फ जान का खतरा झेलना पड़ रहा है बल्कि बिजली और अन्य आवश्यक सेवाओं पर भी गंभीर असर पड़ा है। ऐसे में आम जनता युद्ध समाप्त होने की किसी भी संभावना को उम्मीद की तरह देख रही है। कीव में हाल ही में हुई प्रशासनिक फेरबदल और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के इस्तीफों ने भी राजनीतिक माहौल को अस्थिर किया है, मगर सरकार ने साफ किया है कि यह बदलाव शांति-प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करेंगे।
इन सभी परिस्थितियों के बीच अमेरिका में जारी यह वार्ता आने वाले समय में निर्णायक असर डाल सकती है। यूक्रेन की सरकार का मानना है कि युद्ध का समाधान केवल सैन्य कार्रवाई से नहीं, बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयासों से ही संभव है। इसलिए यह दौरा यूक्रेन की शांति-दृष्टि और अमेरिका की मध्यस्थता भूमिका—दोनों के लिहाज़ से एक महत्वपूर्ण क्षण है। अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नज़र इस पर टिकी है कि क्या वॉशिंगटन में हो रही ये बैठकें युद्धविराम की दिशा में कोई ठोस कदम ला पाएंगी।













