नई दिल्ली में India Internet Governance Forum 2025 (IIGF‑2025) का दो दिवसीय सम्मेलन 27–28 नवंबर 2025 को संपन्न हुआ। इस वर्ष का फोरम भारत के डिजिटल इकोसिस्टम की दिशा, सुरक्षा और समावेशन पर केंद्रित था। पहले दिन के सत्र India Habitat Centre (IHC) में और दूसरे दिन के सत्र India International Centre (IIC) में आयोजित किए गए। यह फोरम सरकार, तकनीकी कंपनियों, नागरिक समाज, अकादमिक संस्थानों और विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर इंटरनेट गवर्नेंस से जुड़े विविध दृष्टिकोण सामने लाता है।
IIGF‑2025 की मुख्य थीम थी “Advancing Internet Governance for an Inclusive and Sustainable Viksit Bharat”, जिसका उद्देश्य एक समावेशी और सतत डिजिटल भारत का निर्माण करना था। सम्मेलन में तीन उप‑थीमों पर विशेष ध्यान दिया गया: Inclusive Digital Future, जो हर नागरिक के लिए इंटरनेट सुलभ बनाने पर केंद्रित थी; Digital Infrastructure for Resilient & Sustainable Growth, जो मजबूत और टिकाऊ डिजिटल अवसंरचना को बढ़ावा देती है; और AI for People, Planet and Progress: From Frameworks to Impact, जो एआई के जिम्मेदार और सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देती है। सम्मेलन में कुल चार उच्च‑स्तरीय पैनल चर्चाएँ और बारह कार्यशालाएँ आयोजित की गईं, जिनमें ग्रामीण इंटरनेट कनेक्टिविटी, डेटा सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, कंटेंट मॉडरेशन, डिजिटल पब्लिक प्लेटफॉर्म और एआई के उपयोग जैसे मुद्दों पर गहराई से विचार विमर्श किया गया।
उद्घाटन सत्र में केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत सुरक्षित, समावेशी और भरोसेमंद डिजिटल भविष्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने 5G कवरेज, डेटा प्रोटेक्शन और डिजिटल पब्लिक सिस्टम को भारत की डिजिटल मजबूती की बुनियाद बताया और यह स्पष्ट किया कि साइबर खतरों से निपटना सिर्फ सरकार का काम नहीं है, बल्कि उद्योग, अकादमिक संस्थान और नागरिक समाज की भी जिम्मेदारी है। NIXI के CEO देवेश त्यागी ने IIGF को भारत की डिजिटल यात्रा का स्वनिर्मित प्लेटफॉर्म बताया और इसे भारत को केवल प्रतिक्रिया देने वाले से आगे बढ़ाकर “प्रभाव सृजक” बनाने वाला मंच करार दिया।
भारत, जहाँ एक अरब से ज्यादा लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, तेजी से विकसित हो रहा डिजिटल इकोसिस्टम रखता है। ऐसे में इंटरनेट की गवर्नेंस — इसके नियम, नीतियाँ, सुरक्षा और समावेशन — अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। IIGF‑2025 ने यह स्पष्ट किया कि भारत केवल तकनीक का उपभोक्ता नहीं रहना चाहता, बल्कि एक जिम्मेदार, सुरक्षित और समावेशी डिजिटल भविष्य बनाने में अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व करना चाहता है। ऐसे संवाद मंच सरकार, उद्योग, नागरिक समाज और अकादमिक समुदाय को साथ लेकर डिजिटल विभाजन, डेटा सुरक्षा और एआई की चुनौतियों का समाधान खोजने में मदद करते हैं।
IIGF 2025 का समापन इस बात का संदेश देता है कि भारत का डिजिटल भविष्य केवल तकनीकी विकास पर निर्भर नहीं है, बल्कि उसे सुरक्षित, भरोसेमंद, समावेशी और टिकाऊ बनाना है। यह फोरम भारत को डिजिटल गवर्नेंस में जिम्मेदारी, पारदर्शिता और सहभागिता की दिशा में मार्गदर्शन करता है और देश को “डिजिटल इंडिया” के लक्ष्य की ओर मजबूती से आगे ले जाता है।













