यूएस ने बढ़ाई सुरक्षा सख्ती, 19 देशों के इमिग्रेंट्स की स्थायी निवास स्थिति की फिर से जांच

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वॉशिंगटन में हाल ही में नेशनल गार्ड पर हुए घातक हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने देश की आव्रजन नीति को लेकर बड़ा और कड़ा कदम उठाया है। सरकार ने 19 देशों से आए ग्रीन कार्ड धारकों की व्यापक और सघन समीक्षा करने का निर्णय लिया है। व्हाइट हाउस के अनुसार, यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक माना गया है और इसका सीधा संबंध वॉशिंगटन डी.सी. में हुई गोलीबारी की घटना से है। इस हमले में एक नेशनल गार्ड सदस्य की मौत हो गई थी जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हुआ था। अमेरिकी एजेंसियों की जांच में आरोपी की पहचान अफगान नागरिक रहमानुल्लाह लाकनवाल के रूप में हुई, जो वर्ष 2021 के बाद अफगानिस्तान से अमेरिका आया था। इस घटना ने आव्रजन कार्यक्रमों की सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए और राष्ट्रपति प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से समीक्षा प्रक्रिया शुरू कर दी।

सरकार की नई नीति के तहत USCIS (यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज़) को यह अधिकार दिया गया है कि वे आव्रजन आवेदन और ग्रीन कार्ड मामलों में आवेदक के मूल देश को “महत्वपूर्ण नकारात्मक कारक” मानें। यह बदलाव सीधे तौर पर उन देशों पर लागू होगा जिन्हें अमेरिकी प्रशासन ने ‘उच्च जोखिम’ की श्रेणी में रखा है। सूची में अफगानिस्तान, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, यमन, हैती, कांगो गणराज्य, म्यांमार, चाड, एरिट्रिया, इक्वेटोरियल गिनी, क्यूबा, बुरुंडी, लाओस, सिएरा लिओन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेज़ुएला शामिल हैं। इन देशों के नागरिकों के ग्रीन कार्ड, वीज़ा और असायलम मामलों की गहराई से जांच की जाएगी। प्रशासन ने अफगान नागरिकों से जुड़े नए आवेदन फिलहाल रोकने का भी फैसला किया है और पुराने मामलों का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा।

इस कदम ने अमेरिकी प्रशासन के अंदर और बाहर दोनों स्तरों पर तीखी प्रतिक्रियाएँ पैदा कर दी हैं। आलोचकों का कहना है कि यह नीति विशेष समुदायों और देशों के लोगों को निशाना बनाती है और इससे आव्रजन समुदायों में भय और असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है। साथ ही यह फैसला कोर्ट में चुनौती का विषय भी बन सकता है। दूसरी ओर, राष्ट्रपति ट्रंप के समर्थक इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अनिवार्य कदम बता रहे हैं। उनका कहना है कि हालिया हमला यह साबित करता है कि कमजोर जाँच प्रक्रिया से सुरक्षा जोखिम बढ़ सकते हैं और ग्रीन कार्ड प्राप्त लोगों की पृष्ठभूमि की कड़ी जांच आवश्यक है।

समीक्षा प्रक्रिया लागू होने के बाद आव्रजन विभाग, दूतावासों और कांसुलर सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव बढ़ने की संभावना है। वीज़ा और निवास से जुड़े लंबित मामलों में देरी हो सकती है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि प्रभावित देशों से संबंधित ग्रीन कार्ड धारक या आवेदनकर्ता अपने दस्तावेज़ मजबूत रखें और आधिकारिक घोषणाओं पर निगरानी बनाए रखें। सरकार की ओर से जारी किए जाने वाले नए दिशा-निर्देश ही आगे की प्रक्रिया की स्पष्टता तय करेंगे।

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