नई दिल्ली, 26 नवम्बर 2025 : भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला के साझीदार राज्य बिहार पवेलियन का आज बिहार सरकार के माननीय उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने परिभ्रमण किया एवं यहां प्रदर्शित स्टालों पर जाकर बिहार के हुनरमंद कलाकारों के उत्पादों की सराहना की l इस अवसर पर उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव अनिल कुमार, बिहार पवेलियन के निदेशक संजय कुमार सिंह, विभाग के अन्य अधिकारीगण एवं पवेलियन के इवेंट मैनेजर प्रतीक कुमार सहित कई लोग मौजूद थे l

डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि बिहार पवेलियन ग्रामीण कलाकार एवं उनके हूनर को विश्व में पहचान दिला रहा है l उन्होंने बिहार पवेलियन की रूप सज्जा की भी जमकर तारीफ किया l उन्होंने कहा कि बिहार पवेलियन बिहार के संस्कृति एवं धरोहर से रुबरु करा रहा है एवं यहां आने वाले को मिनी बिहार का दर्शन हो रहा है l पवेलियन का मुख्य द्वार सीतामढ़ी के पुनौराधाम सीतामाता मंदिर ( प्रस्तावित) का मनोरम दृश्य प्रदर्शित कर रहा है l
उद्योग मंत्री ने कहा कि आज बिहार का मिथिला पेंटिंग, सिल्क, खादी हस्तशिल्प, मखाना, सत्तू विश्व में अपनी पहचान बना लिया है एवं लोग काफी पसंद कर रहे हैं l उन्होंने कहा कि कभी बिहार के नालन्दा विश्वविद्यालय में विश्व भर से लोग ज्ञान प्राप्त करने आते थे, आज बिहार सभी क्षेत्रों में एक बार फिर से आगे बढ़ रहा है एवं बिहार को एक बार फिर से पूरे विश्व में पुनः वही पहचान दिलाने की आवश्यकता है l उद्योग मंत्री ने पवेलियन में हैंडलूम एवं हस्तकरघा स्टॉल संचालकों को आश्वाशन दिया कि इन उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उद्योग विभाग प्रतिबद्ध है एवं आप सभी को किसी भी प्रकार की कोई समस्या होगी तो उसे यथासंभव निदान किया जाएगा l

दिल्ली के भारत मंडपम (प्रगति मैदान) में 14 से 27 नवम्बर 2025 तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में पार्टनर स्टेट बिहार का बिहार मंडप को बिहार सरकार के उद्योग विभाग के उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान इस बार आई.टी.पी.ओ. द्वारा इस वर्ष मेले की थीम एक भारत श्रेष्ठ भारत के अनुरूप नायाब रूप दिया गया है ।

बिहार पवेलियन को मेले का थीम एक भारत श्रेष्ठ भारत के अनुरूप बिहार के कलाकारों द्वारा हाथों से निर्मित मिथिला पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग, टिकुली आर्ट आदि बिहार के नायाब पेंटिंग से सजाया गया है l बिहार पवेलियन के सेंटर हॉल में बिहार संग्रहालय द्वारा नामचीन लोक एवं समकालीन कलाकारों की उतकृष्ट कलाकृतियों की प्रदर्शनी है आकर्षण का केंद्र
बिहार पवेलियन में प्रदर्शनी सह बिक्री के हेंडलुम एवं हेंडीक्राफ्ट , जीविका दीदी, कंफेड (सुधा),तथा बिहार खादी एवं अन्य स्टाल लगाए गए हैं। इन स्टॉलों पर बिहार के पारंपरिक हस्तकलाओं एवं हस्तकरघा उत्पाद जिनमें नालंदा का बाबन बूटी, भागलपुर का सिल्क, मिथिलांचल का मधुबनी पेंटिंग, पटना की टीकुली कला इत्यादि को स्थान दिया गया है lइसके अलावा बिहार खादी के उत्पाद एवं जीविका दीदी का स्टॉल भी मुख्य आकर्षक है l मेले के स्टेट फूड कोर्ट में बिहार के जीविका दीदी द्वारा संचालित दीदी की रसोई में बिहार के विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन मिल रहा है l
बिहार पवेलियन को प्रत्येक वर्ष मेले के थीम के अनुरूप नयाब डिजाइन एवं रूपरेखा से सजाया जाता है। इस वर्ष बिहार मंडप के मुख्य द्वार को सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में निर्माण हो रहा सीतामाता का मंदिर का प्रारूप बनाया गया है एवं मुख्य द्वार के बगल में पावापुरी मंदिर के प्रारूप का निर्माण किया गया है l













