रेड फोर्ट धमाका केस में बड़ा खुलासा: हथियार खरीद से लेकर विस्फोटक छुपाने तक पूरा नेटवर्क बेनकाब

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

दिल्ली ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, सुरक्षा एजेंसियों के हाथ कई महत्वपूर्ण सुराग लग रहे हैं जिनसे यह साफ होता जा रहा है कि घटना को अंजाम देने के पीछे एक संगठित और प्रशिक्षित मॉड्यूल सक्रिय था। शुरुआती जांच में सामने आया कि संदिग्धों ने हमले से पहले बड़े पैमाने पर हथियारों और विस्फोटक सामग्री का संग्रह किया था। रिपोर्टों के मुताबिक, मॉड्यूल से जुड़े एक व्यक्ति ने लगभग पाँच लाख रुपये की कीमत पर AK-47 राइफल खरीदी थी, जो यह दर्शाता है कि हमलावर किसी साधारण या अचानक लिए गए फैसले का हिस्सा नहीं थे बल्कि लंबे समय से इस हमले को लेकर तैयारी और संसाधन जुटाते रहे थे। हथियार की खरीद के साथ-साथ एजेंसियों को कुछ ऐसे ठिकाने भी मिले, जहाँ विस्फोटक और बम बनाने वाली सामग्रियाँ जमा की गई थीं। जांच में यह पता चला कि विस्फोटक की स्थिरता बनाए रखने और उन्हें आसानी से छिपाकर रखने के लिए डीप-फ्रीजर जैसी घरेलू वस्तुओं का इस्तेमाल किया गया था। यह तरीका स्पष्ट रूप से दिखाता है कि मॉड्यूल में शामिल लोगों को विस्फोटक पदार्थों को संभालने और छिपाकर सुरक्षित रखने की तकनीक की पूरी जानकारी थी।

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, मामले में शामिल नेटवर्क केवल एक या दो व्यक्तियों तक सीमित नहीं बल्कि कई स्तरों वाले हैंडलर तंत्र से जुड़ा प्रतीत होता है। इन कड़ियों में स्थानीय सहयोगियों के साथ-साथ विदेशी संपर्कों की भी भूमिका हो सकती है, जिसके संकेत वित्तीय लेन-देन और डिजिटल कम्युनिकेशन की जांच से मिल रहे हैं। छापेमार कार्रवाई में एजेंसियों को बम निर्माण में उपयोग होने वाले उपकरण भी मिले, जिनमें इलेक्ट्रिक ग्राइंडर, रासायनिक पदार्थ और ताप नियंत्रित उपकरण शामिल हैं। इन वस्तुओं की बरामदगी से जांच टीम को यह विश्वास हुआ है कि विस्फोटक पूर्ण रूप से स्थानीय स्तर पर तैयार किए गए थे। विभिन्न स्थानों से गिरफ्त में लिए गए संदिग्धों से पूछताछ जारी है और एजेंसियाँ लगातार इस कोशिश में हैं कि वे उस उच्च-स्तरीय तंत्र तक पहुँचे जिसने इस हमले का वित्तपोषण और निर्देश दिया। जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अभी और गिरफ्तारियों की संभावना बनी हुई है और नेटवर्क को निष्क्रिय करने में कुछ और समय लग सकता है।

इस घटना के बाद दिल्ली ही नहीं बल्कि अन्य प्रमुख शहरों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रेड फोर्ट के आसपास विशेष रूप से अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है, और पुलिस, NIA तथा केंद्रीय एजेंसियाँ हर उस स्थान पर निगरानी बढ़ा रही हैं जहाँ इस नेटवर्क से जुड़े लोगों की गतिविधियों के संकेत मिले हैं। प्रशासन की ओर से नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें ताकि ऐसी घटनाओं को दोहराने से रोका जा सके। जांच एजेंसियों ने कहा है कि केस की पूर्ण तस्वीर आरोप-पत्र दाखिल होने के बाद ही स्पष्ट होगी, लेकिन अब तक मिले सुराग यह संकेत देते हैं कि दिल्ली में हुआ यह धमाका योजनाबद्ध, संसाधन-संपन्न और बहु-स्तरीय आतंकी मॉड्यूल का परिणाम था, जिसका लक्ष्य बड़े पैमाने पर दहशत फैलाना और सुरक्षा तंत्र को चुनौती देना था।

Leave a Comment

और पढ़ें