प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रवाना हो गए हैं, जहाँ वे 21 से 23 नवंबर तक जोहानसबर्ग में आयोजित होने वाले 20वें G-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह सम्मेलन विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पहली बार अफ्रीकी महाद्वीप इस वैश्विक मंच की मेज़बानी कर रहा है। दक्षिण अफ्रीका ने समिट की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है और जोहानसबर्ग के नेसरैक परिसर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। सम्मेलन का मुख्य फोकस ग्लोबल साउथ, जलवायु वित्त, ऊर्जा संक्रमण, आर्थिक असमानता, कर्ज संकट और विकासशील देशों के हितों से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित रहेगा।
प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान विभिन्न सत्रों में भारत का दृष्टिकोण साझा करेंगे और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ तथा “One Earth, One Family, One Future” के मूल विचारों को आगे बढ़ाते हुए वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार पीएम मोदी सम्मेलन के इतर आयोजित होने वाले IBSA शिखर सम्मेलन में भी शामिल होंगे, जहाँ भारत-ब्राज़ील-दक्षिण अफ्रीका के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक साझेदारी के मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त, कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ताओं की भी संभावना जताई जा रही है, जिनमें व्यापार सहयोग, जलवायु परिवर्तन, बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार और आर्थिक भागीदारी जैसे विषय प्रमुख रहेंगे।
इस बार समिट कुछ बड़े देशों के शीर्ष नेताओं की अनुपस्थिति के कारण चर्चा में भी है, लेकिन इसके बावजूद दक्षिण अफ्रीका ने यह उम्मीद जताई है कि सम्मेलन अफ्रीकी देशों की आवाज़ को मजबूती से दुनिया तक पहुँचाएगा। वैश्विक अर्थव्यवस्था, महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों की आपूर्ति श्रृंखला और टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर भी गहन deliberation होने की संभावना है। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत की अंतरराष्ट्रीय भूमिका को और भी सुदृढ़ करने और वैश्विक मंचों पर देश के प्रभाव को बढ़ाने के रूप में देखी जा रही है।













