गुजरात पुलिस की सीआईडी (क्राइम) साइबर टीम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय एक बड़े साइबर-गुलामी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए इसके मुख्य कथित सरगना निलेश पुरोहित उर्फ ‘नील’ को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार यह गिरोह म्यांमार और कंबोडिया में संचालित चीनी नेटवर्क से जुड़ा हुआ था, जो एशियाई देशों से लोगों को लालच देकर विदेश ले जाता था और वहां बंदी बनाकर साइबर अपराध करवाता था। आरोपी को गुजरात के गांधीनगर क्षेत्र से पकड़ा गया, जहां वह लंबे समय से ट्रैफिकिंग और ऑनलाइन ठगी गतिविधियों का संचालन कर रहा था।
जांच में सामने आया है कि यह नेटवर्क सोशल मीडिया और नौकरी पोर्टलों पर आकर्षक पैकेज वाली ‘डेटा एंट्री’ या तकनीकी नौकरियों का झांसा देता था। ऑफर स्वीकार कराने के बाद एजेंट पीड़ितों को विभिन्न देशों के रास्ते म्यांमार या कंबोडिया पहुंचाते थे। वहां पहुंचते ही पीड़ितों के पासपोर्ट और दस्तावेज छीन लिए जाते थे और उन्हें बंद कमरों में कैद कर दिया जाता था। इसके बाद उन्हें ऑनलाइन ठगी के कार्यों—जैसे क्रिप्टो फ्रॉड, फिशिंग, रोमांस स्कैम और निवेश धोखाधड़ी—में जबरन लगाया जाता था। कई मामलों में पीड़ितों को प्रताड़ित कर टारगेट पूरा करने के लिए मजबूर किया जाता था।
गुजरात पुलिस के अनुसार यह गिरोह भारत सहित श्रीलंका, पाकिस्तान, फिलीपींस और कुछ अफ्रीकी देशों के नागरिकों को भी निशाना बना रहा था, और सैकड़ों लोग इसके जाल में फंस चुके हैं। शुरुआती जांच से पता चला है कि गिरोह एक-एक पीड़ित से लाखों रुपये तक कमाता था, जिसे एजेंटों, ऑपरेटरों और विदेशी नेटवर्क के बीच बांटा जाता था। इस रकम को मनी-म्यूल खातों और क्रिप्टो वॉलेट के जरिए विदेश भेजा जाता था। पुलिस को वित्तीय लेनदेन, बैंक खातों और डिजिटल वॉलेट से कई ठोस सुराग मिले हैं, जिनका विश्लेषण जारी है।
यह कार्रवाई पिछले कुछ हफ्तों में हुए कई अन्य अभियानों से जुड़ी है, जिनमें गुजरात के अलग-अलग इलाकों में तीन से अधिक एजेंट और सहयोगी पहले ही पकड़े जा चुके हैं। जांच एजेंसियां अब इस नेटवर्क से जुड़े और लोगों की पहचान कर रही हैं और संभावना है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां होंगी। साथ ही, विदेशों में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार और संबंधित दूतावासों के साथ समन्वय भी बढ़ाया गया है।
गुजरात पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी को संदिग्ध नौकरी ऑफर, विदेशी प्लेसमेंट एजेंट या साइबर गिरोह से जुड़े लोगों की जानकारी मिले तो वे तुरंत साइबर क्राइम सेल को सूचित करें। अधिकारियों का कहना है कि साइबर-गुलामी जैसे मामलों से निपटने के लिए जागरूकता और समय रहते सतर्कता बेहद जरूरी है। मामला अभी जांच के अधीन है और आगे की कार्रवाई के साथ पुलिस और तथ्य उजागर करने की तैयारी में है।













