सुरक्षा एजेंसियों की हरी झंडी: लाल किला आज से आम जनता के लिए खुला

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दिल्ली में लाल किले के नजदीक हुए हालिया विस्फोट के बाद क्षेत्र में कई दिनों तक कड़ी सुरक्षा और आवाजाही पर प्रतिबंध लगाए गए थे। लेकिन व्यापक समीक्षा, फोरेंसिक टीमों द्वारा की गई जांच और सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन ने आज से लाल किला पर्यटकों के लिए दोबारा खोल दिया है। यह निर्णय तब लिया गया, जब पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और दिल्ली पुलिस ने संयुक्त रूप से यह सुनिश्चित किया कि आगंतुकों के लिए स्थल सुरक्षित है और विस्फोट से जुड़े साक्ष्यों की प्राथमिक जांच पूरी हो चुकी है। घटना के बाद लाल किले के आसपास मौजूद सभी प्रवेश-द्वारों और लाल किला मेट्रो स्टेशन के कुछ गेटों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था, जिन्हें अब चरणबद्ध तरीके से खोलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

विस्फोट के तुरंत बाद जिस सुनहरी मस्जिद के पार्किंग क्षेत्र को सुरक्षात्मक घेरा बनाकर बंद कर दिया गया था, उसे भी सीमित रूप से खोलने की अनुमति मिल गई है। प्रशासन ने बताया कि पार्किंग का उपयोग फिलहाल नियंत्रित नियमों के तहत ही किया जा सकेगा, क्योंकि यह क्षेत्र जांच का अहम हिस्सा रहा है। फोरेंसिक जांच में कई कारों का विस्तृत परीक्षण किया गया, सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और अलग-अलग वाहनों की आवाजाही की टाइमलाइन तैयार की गई। जांच में यह सामने आया कि पार्किंग में लंबे समय तक खड़ी एक कार संदिग्ध गतिविधियों से जुड़ी मिली, जिसके आधार पर पार्किंग-लॉट को घटना का प्राथमिक स्रोत मानकर अतिरिक्त जांच की गई। आवश्यक साक्ष्य एकत्र होने के बाद ही पार्किंग क्षेत्र को सीमित रूप से खोलने पर सहमति बनी।

घटना की जांच अभी भी जारी है और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ कई विशेष एजेंसियाँ मिलकर सुराग जुटा रही हैं। जांच में यह भी सामने आया कि घटना में इस्तेमाल वाहन ने विस्फोट से कुछ घंटे पहले तक आसपास के रूटों का कई बार चक्कर लगाया, जिससे संदेह है कि हमलावरों ने सुरक्षा-व्यवस्था की निगरानी के बाद ही योजना को अंजाम दिया। अधिकारी वाहन की रूट-ट्रैकिंग, पार्किंग-लॉग और क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज का कई स्तर पर मिलान कर रहे हैं। इसी आधार पर कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई है। जांच एजेंसियाँ तकनीकी विश्लेषण, मोबाइल लोकेशन डेटा और डिजिटल साक्ष्यों की मदद से इस घटना के पीछे काम करने वाले नेटवर्क की पहचान करने की कोशिश में जुटी हुई हैं।

विस्फोट के बाद लाल किला और उसके आसपास का इलाका कई दिनों तक तनाव और भय के माहौल में रहा। सुरक्षा घेरे के कारण स्थानीय दुकानदारों, गाइड्स और छोटे व्यापारियों की आय पर असर पड़ा। पुराने दिल्ली के इस महत्वपूर्ण पर्यटन-क्षेत्र में रोज़ाना हजारों लोग आते हैं, लेकिन दुर्घटना के बाद यहां भीड़ लगभग खत्म हो गई थी। अब जब लाल किले के खुलने और मार्गों व पार्किंग में ढील देने की घोषणा हुई है, तो व्यापारियों को उम्मीद है कि कुछ ही दिनों में भीड़ वापस लौटना शुरू हो जाएगी। हालांकि कई दुकानदारों का कहना है कि सामान्य स्थिति पूरी तरह लौटने में समय लगेगा, क्योंकि लोग अभी भी सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं। उनका मानना है कि यदि प्रशासन लगातार दृश्यमान सुरक्षा प्रबंधन सुनिश्चित करे, तो पर्यटकों का भरोसा जल्दी बहाल होगा।

लाल किले में प्रवेश से पहले आगंतुकों को अब और भी सख्त सुरक्षा जांच से गुजरना होगा। ASI और दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया है कि सभी आगंतुकों को धातु-डिटेक्टर, बैग-स्कैनिंग और यादृच्छिक तलाशी प्रक्रिया का सामना करना होगा। प्रवेश केवल चुने हुए गेटों से ही किया जाएगा और भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए आवश्यकतानुसार कुछ प्रवेश-द्वारों की समय-सीमा पर भी अस्थायी बदलाव किए जा सकते हैं। प्रशासन ने पर्यटकों से अपील की है कि वे अनावश्यक सामान न लेकर आएँ और किसी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति को तुरंत सुरक्षा कर्मियों को सूचित करें।

मेट्रो प्रबंधन ने भी सुरक्षा बढ़ाने के लिए कुछ गेटों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की है। लाल किला मेट्रो स्टेशन के वे गेट, जिन्हें विस्फोट के बाद एहतियातन बंद किया गया था, अब पुनः खोले जा रहे हैं। यात्रियों की सुविधा के साथ-साथ सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने के लिए मेट्रो अधिकारियों ने बैग जांच की तीव्रता बढ़ा दी है और स्टेशनों के आसपास गश्त बढ़ाई है।

घटना के बाद की सुरक्षा समीक्षा में यह भी सामने आया कि पुराने दिल्ली जैसे संवेदनशील पर्यटन स्थलों के आस-पास निगरानी तंत्र को और मजबूत करने की आवश्यकता है। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में बड़े सार्वजनिक स्थानों पर कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी और उच्च-रिजोल्यूशन कैमरे लगाए जाएंगे, जो नंबर प्लेट पहचान प्रणाली और वास्तविक समय निगरानी से भी जुड़े होंगे। यह कदम संभावित खतरों का समय रहते पता लगाने में मदद करेगा और घटनाओं की पुनरावृत्ति की संभावना कम करेगा।

हालांकि लाल किला खोल दिया गया है, लेकिन यह केवल संकेत है कि स्थल पर अस्थायी बाधाएँ हटाई गई हैं—खतरा टला है, ऐसा नहीं माना जा सकता। सुरक्षा एजेंसियाँ अभी भी घटना की पूरी तह तक पहुँचने में लगी हैं और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारी या खुलासे संभव हैं। प्रशासन ने बताया कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे सुरक्षा व्यवस्थाओं में और भी जरूरी बदलाव किए जाएंगे।

कुल मिलाकर, दिल्ली का यह ऐतिहासिक क्षेत्र धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है। लाल किले का फिर से खुलना न केवल पर्यटन जगत के लिए राहत है, बल्कि यह संदेश भी है कि एक मजबूत सुरक्षा ढांचा तैयार करके शहर अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक प्रतीकों को सुरक्षित रख सकता है। फिर भी, घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही की गुंजाइश नहीं है।

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