राजस्थान में सिंथेटिक ड्रग रैकेट पर बड़ी चोट, खेतों के बीच छुपी लैब बेनकाब

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राजस्थान के सिरोही ज़िले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक दूरस्थ गांव में चल रही गुप्त मेफेड्रोन निर्माण लैब का भंडाफोड़ किया। यह लैब खेतों के बीच बने एक एकांत भवन में संचालित की जा रही थी, जहां टीम को बड़ी मात्रा में रासायनिक पदार्थ, प्रीकर्सर केमिकल, लैब उपकरण और तैयार करने की सामग्री मिली। अधिकारियों के अनुसार, बरामद कच्चे माल की मात्रा देखकर अनुमान लगाया गया कि इस स्थान पर करीब 100 किलोग्राम मेफेड्रोन बनाने की क्षमता मौजूद थी। जब्त रसायनों का बाजार मूल्य लगभग 40 करोड़ रुपये के आसपास आंका जा रहा है।

जांच एजेंसियों ने मौके से सैकड़ों किलोग्राम रासायनिक पदार्थ, मिश्रण टैंक, वैक्यूम फ़िल्टर, ड्रायर और कई प्रकार के उत्पादन उपकरण सील किए। प्रारंभिक पड़ताल से संकेत मिला कि यह लैब लंबे समय से सक्रिय थी और बाहर से नियमित रूप से रासायनिक सामग्री पहुंचाई जा रही थी। अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए केमिकल्स की विस्तृत जांच जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि तैयार किए जाने वाले मेफेड्रोन की गुणवत्ता और अनुमानित मात्रा कितनी होती। कार्रवाई के दौरान पाँच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें लैब संचालक और रसायन आपूर्ति से जुड़े लोग शामिल बताए जा रहे हैं। पूछताछ में आरोपियों से नेटवर्क के अन्य ठिकानों और वित्तीय सप्लायर्स के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।

एनसीबी और पुलिस का मानना है कि राजस्थान में पिछले कुछ महीनों में सिंथेटिक ड्रग नेटवर्क सक्रिय रूप से फैलने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले भी इसी तरह की गुप्त लैबों का भंडाफोड़ किया जा चुका है, जिससे यह स्पष्ट है कि ड्रग-कार्टेल ग्रामीण इलाकों को छिपे हुए उत्पादन केंद्र के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। मेफेड्रोन जैसे सिंथेटिक ड्रग देश में तेजी से फैल रहे हैं, जिनका काला बाजार मूल्य बहुत अधिक होता है और जिन्हें तैयार करने में रासायनिक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इस कारण एजेंसियां अब ऐसे मामलों में अंतर-राज्यीय स्तर पर समन्वय बढ़ा रही हैं।

स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि, विशेषकर खेतों या बंद पड़े ढांचों में केमिकल गंध, रात्रि गतिविधि या अज्ञात व्यक्तियों की आवाजाही दिखने पर तुरंत सूचना दें। बरामद उपकरण और सामग्री को कानूनी प्रक्रिया के तहत सुरक्षित कर विशेषज्ञ प्रयोगशालाओं में भेजा जाएगा। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सभी आरोपियों पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी, और इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों को पकड़ने के लिए आगे भी छापेमारी जारी रहेगी।

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