भारत-इज़राइल रक्षा सहयोग नई ऊँचाइयों पर, तीन उन्नत मिसाइल प्रणालियों पर बनी सहमति

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नई दिल्ली — भारत और इज़राइल के बीच रक्षा सहयोग एक नई दिशा में आगे बढ़ रहा है। हाल ही में हुई वार्ताओं में इज़राइल ने भारत को तीन अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियाँ देने पर सहमति जताई है। दोनों देशों के बीच हुए इस प्रस्तावित समझौते को रणनीतिक साझेदारी की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। यह न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को और सशक्त बनाएगा, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को भी नई गति देगा।

रिपोर्ट्स के अनुसार, इज़राइल भारत को LORA (Long Range Artillery), आइस-ब्रेकर और रैम्पेज जैसी मिसाइल प्रणालियाँ उपलब्ध कराने की तैयारी में है। इन मिसाइलों के शामिल होने से भारतीय सशस्त्र बलों को लंबी दूरी तक सटीक निशाना साधने और समुद्री व हवाई अभियानों में अधिक प्रभावशाली बनने की शक्ति मिलेगी। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच इस बात पर भी सहमति बनी है कि कुछ मिसाइलों का निर्माण भारत में ‘लाइसेंस्ड प्रोडक्शन’ के तहत किया जा सकता है। इससे न केवल भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता में इज़ाफा होगा, बल्कि स्थानीय उद्योगों को भी आधुनिक तकनीक तक पहुंच मिलेगी।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इन मिसाइल प्रणालियों के माध्यम से भारत की सामरिक और रणनीतिक शक्ति में गुणात्मक सुधार होगा। भारत की सीमाओं की सुरक्षा, समुद्री इलाकों की निगरानी और हवाई अभियानों में भी यह साझेदारी अहम भूमिका निभा सकती है। तकनीकी हस्तांतरण और संयुक्त उत्पादन के ज़रिए भारत को न केवल उन्नत हथियार प्रणाली मिलेगी, बल्कि रक्षा उद्योग के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जाएगा।

कूटनीतिक दृष्टि से भी यह समझौता बेहद महत्वपूर्ण है। भारत और इज़राइल लंबे समय से एक-दूसरे के भरोसेमंद रक्षा साझेदार रहे हैं। दोनों देशों के बीच न केवल रक्षा उपकरणों का व्यापार बढ़ा है, बल्कि खुफिया जानकारी, साइबर सुरक्षा, और ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में भी सहयोग गहरा हुआ है। इस्राइली कंपनियों का भारत के निजी और सार्वजनिक रक्षा क्षेत्र के साथ तालमेल अब पहले से अधिक मजबूत हो चुका है।

सूत्रों के अनुसार, फिलहाल यह समझौता शुरुआती चरण में है और आने वाले महीनों में दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों के बीच विस्तृत तकनीकी मूल्यांकन और अनुबंध प्रक्रिया पूरी की जाएगी। यदि यह डील औपचारिक रूप लेती है तो भारत की ‘दीर्घ दूरी प्रहार क्षमता’ में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और यह दक्षिण एशिया में भारत की सामरिक स्थिति को और सुदृढ़ करेगी।

कुल मिलाकर, इज़राइल से मिलने वाली इन तीन मिसाइल प्रणालियों से भारत की रक्षा तैयारी को नई धार मिलेगी और दोनों देशों के बीच दशकों पुरानी मित्रता अब एक और मजबूत कड़ी से जुड़ जाएगी। यह सौदा न केवल तकनीकी सहयोग का प्रतीक है बल्कि भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

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