जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो डॉक्टर भी शामिल हैं। पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई में 2,900 किलो से अधिक विस्फोटक सामग्री, हथियार और बम बनाने के उपकरण बरामद किए गए हैं। इस ऑपरेशन को सुरक्षा एजेंसियों ने हाल के वर्षों की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक बताया है, क्योंकि बरामद सामग्री का इस्तेमाल किसी बड़े आतंकी हमले में किया जा सकता था।
जांच एजेंसियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी लंबे समय से जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सक्रिय थे और गुप्त रूप से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे। पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला कि यह नेटवर्क न सिर्फ स्थानीय स्तर पर बल्कि सीमापार से भी निर्देश और वित्तीय मदद प्राप्त कर रहा था। छापेमारी के दौरान 2,900 किलो विस्फोटक के अलावा अमोनियम नाइट्रेट, डिटोनेटर, टाइमर डिवाइस, और कई प्रकार के हथियार जैसे राइफल और पिस्टल भी बरामद हुए हैं।
आरोपियों में शामिल दोनों डॉक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने अपने पेशे का दुरुपयोग करते हुए संवेदनशील जानकारी और लॉजिस्टिक सहायता उपलब्ध कराई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ये लोग मेडिकल सेवाओं के बहाने से कुछ प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े लोगों को मदद पहुंचा रहे थे। बरामद दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों से यह भी पता चला है कि आरोपियों का संबंध जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसर गजवत-उल-हिंद (AGuH) जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा हो सकता है।
इस मॉड्यूल के नेटवर्क का विस्तार कई राज्यों तक फैला हुआ था। जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तारी के बाद जांच टीमों ने हरियाणा के फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में भी छापेमारी की, जहां से और अधिक हथियार, विस्फोटक सामग्री तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए। शुरुआती जांच में सामने आया कि यह मॉड्यूल सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड एप्स के जरिए सीमापार बैठे संचालकों से संपर्क में था और उन्हें नियमित अपडेट भेजा जाता था।
सुरक्षा एजेंसियों ने इसे एक ‘व्हाइट-कॉलर’ आतंकी नेटवर्क करार दिया है, क्योंकि इसमें शामिल कई लोग उच्च शिक्षित और पेशेवर पृष्ठभूमि से आते हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह नेटवर्क आम जनता के बीच घुल-मिलकर काम करता था ताकि उस पर किसी को शक न हो। इसके सदस्य न केवल आतंकी गतिविधियों के लिए धन और संसाधन जुटा रहे थे, बल्कि आतंकी विचारधारा को फैलाने की भी कोशिश कर रहे थे।
फिलहाल सभी गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और पुलिस ने कई अन्य संदिग्धों की पहचान भी कर ली है। केंद्रीय एजेंसियाँ इस मॉड्यूल के विदेशी लिंक और फंडिंग चैनलों की गहन जांच कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई ने एक बड़े आतंकी हमले को टालने में अहम भूमिका निभाई है। सरकार ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की है।













