पश्चिम अफ्रीकी देश माली से एक चिंताजनक खबर सामने आई है, जहां पांच भारतीय नागरिकों का अपहरण कर लिया गया है। यह घटना पश्चिमी माली के कोब्री (Kobri) इलाके में हुई, जहां ये भारतीय एक इलेक्ट्रिफिकेशन (बिजली परियोजना) में काम कर रहे थे। कंपनी के प्रतिनिधियों और स्थानीय सुरक्षा सूत्रों ने पुष्टि की है कि अज्ञात बंदूकधारियों ने अचानक साइट पर हमला किया और भारतीय कामगारों को जबरन अपने साथ ले गए। घटना के बाद बाकी कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि कुछ को राजधानी बैमाको भेज दिया गया है।
स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, अब तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि, माली में पिछले कुछ महीनों से अल-कायदा से जुड़ा जिहादी संगठन “जमात नुसरत अल-इस्लाम वल मुस्लिमीन” (JNIM) और ISIS-समर्थित समूह लगातार सक्रिय हैं। इन संगठनों ने कई बार विदेशी कामगारों और विकास परियोजनाओं को निशाना बनाया है, जिससे देश में सुरक्षा स्थिति बेहद नाजुक हो गई है।
यह पहली बार नहीं है जब माली में भारतीय नागरिकों को निशाना बनाया गया हो। इसी वर्ष जुलाई 2025 में भी तीन भारतीयों के अपहरण की खबर सामने आई थी, जिसके बाद भारत सरकार और माली प्रशासन के बीच संवाद बढ़ाया गया था। उस समय भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि भारतीय दूतावास स्थानीय प्रशासन के संपर्क में है और सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
इस नए मामले में भी भारत सरकार स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है। रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय दूतावास, बैमाको ने स्थानीय अधिकारियों से संपर्क साध लिया है और कंपनी के माध्यम से प्रभावित परिवारों को सूचित किया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सुरक्षा कारणों से फिलहाल विस्तृत जानकारी साझा नहीं की जा सकती, लेकिन भारतीय नागरिकों की सुरक्षित रिहाई के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
माली में हाल के वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों में खतरनाक वृद्धि दर्ज की गई है। देश के उत्तरी और मध्य हिस्सों में अल-कायदा और ISIS से जुड़े गुट लगातार सरकारी ठिकानों, सैनिक चौकियों और अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं पर हमले कर रहे हैं। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और विदेशी निवेश बुरी तरह प्रभावित हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह अपहरण भारत जैसे देशों के लिए भी चिंता का विषय है, जिनके नागरिक अफ्रीका के कई देशों में विकास कार्यों में योगदान दे रहे हैं।
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, यह घटना माली में विदेशी कामगारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। भारतीय और मलीन सरकारें मिलकर अपहृत नागरिकों की रिहाई और आतंकियों की पहचान के प्रयास में जुटी हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस घटना को क्षेत्र में बढ़ते चरमपंथी खतरे का संकेत मान रहा है, जो पश्चिम अफ्रीका की स्थिरता के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।













