केरल बना देश का पहला राज्य जिसने मिटाई “अत्यधिक गरीबी”, CM पिनारायी विजयन ने किया एलान

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केरल ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए खुद को देश का पहला ऐसा राज्य घोषित किया है जिसने अत्यधिक गरीबी (Extreme Poverty) को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने यह घोषणा 1 नवंबर 2025 को राज्य के गठन दिवस केरल पइरवि के अवसर पर विधानसभा में की। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि सरकार द्वारा 2021 में शुरू की गई योजनाओं और जमीनी स्तर पर किए गए व्यापक प्रयासों का परिणाम है।

मुख्यमंत्री के अनुसार, सरकार ने 2021 में “एक्सट्रीम पॉवर्टी एराडिकेशन प्रोजेक्ट (EPEP)” की शुरुआत की थी, जिसके तहत पूरे राज्य में सर्वे कर लगभग 64,006 परिवारों को अत्यधिक गरीब श्रेणी में पहचाना गया। इन परिवारों के लिए व्यक्तिगत “माइक्रो प्लान” तैयार किए गए, जिनके माध्यम से प्रत्येक परिवार को उनकी जरूरतों के अनुसार सहायता प्रदान की गई। इसमें आवास निर्माण और मरम्मत, स्वास्थ्य व पोषण सहायता, शिक्षा, सरकारी लाभों से जोड़ना और रोजगार/आजीविका से संबंधित समर्थन शामिल था। इस परियोजना के तहत कई परिवारों को जमीन और घर उपलब्ध कराए गए, जिससे वे स्थायी रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।

सरकार का दावा है कि यह अभियान केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसे बहुआयामी दृष्टिकोण से लागू किया गया — ताकि गरीबी के मूल कारणों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और सामाजिक सुरक्षा को समान रूप से संबोधित किया जा सके। इस प्रयास में पंचायतों, स्वयंसेवी संगठनों और स्थानीय निकायों की भी अहम भूमिका रही।

हालांकि, राज्य सरकार के इस दावे पर विपक्ष और कुछ अर्थशास्त्रियों ने सवाल उठाए हैं। यूडीएफ (विपक्षी गठबंधन) ने विधानसभा सत्र का बहिष्कार करते हुए इस घोषणा को “राजनीतिक प्रचार” करार दिया। वहीं कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों ने सरकार से यह आग्रह किया है कि वह एक स्वतंत्र सत्यापन रिपोर्ट जारी करे ताकि आंकड़ों और पद्धति की पारदर्शिता बनी रहे।

गौरतलब है कि केरल में पहले भी कुछ जिलों, जैसे कोट्टायम, को “शून्य गरीबी” जिले के रूप में घोषित किया जा चुका है। इन जिलों में की गई पहल ने राज्य स्तर पर इस मॉडल को अपनाने में प्रेरणा दी। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि केरल का यह दावा स्वतंत्र रूप से सत्यापित होता है, तो यह मॉडल अन्य भारतीय राज्यों के लिए भी गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक प्रभावी रूपरेखा साबित हो सकता है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस स्थिति को बनाए रखने के लिए निरंतर निगरानी, सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ और आकस्मिक सहायता कार्यक्रम जारी रहेंगे।

इस प्रकार, केरल की यह घोषणा न केवल राज्य की सामाजिक-आर्थिक प्रगति का प्रतीक है, बल्कि यह भारत में गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में एक नई दिशा भी दिखाती है, जहाँ विकास को मानव गरिमा और समान अवसरों के साथ जोड़ा गया है।

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