अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर प्रशंसा की है। उन्होंने मोदी को “शानदार दिखने वाला व्यक्ति” और “कठोर लेकिन बेहद प्रभावशाली नेता” बताया। ट्रंप ने यह टिप्पणी एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) मंच पर की, जहां उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती पर बात करते हुए यह भी संकेत दिया कि दोनों देशों के बीच एक बड़ा व्यापार समझौता जल्द आकार ले सकता है। उनके इस बयान को अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक हलकों में भारत-अमेरिका के रिश्तों के लिए सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
ट्रंप ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के साथ व्यापार और निवेश को लेकर विस्तृत बातचीत की है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच “अच्छे सौदे” की दिशा में कार्य चल रहा है और अमेरिका इस सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का इच्छुक है। ट्रंप ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों की अर्थव्यवस्थाएं तेजी से बढ़ रही हैं और भविष्य में यह साझेदारी दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होगी।
जानकारी के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर कई दौर की बातचीत पहले ही हो चुकी है। दोनों देशों के अधिकारी पिछले कुछ महीनों से व्यापार, ऊर्जा, कृषि और तकनीकी सहयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। इस वार्ता के केंद्र में टैरिफ दरों में कटौती, औद्योगिक सहयोग और सेवा क्षेत्र से जुड़ी बाधाओं को दूर करना शामिल है। विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों पक्ष अब प्रारंभिक समझौते की दिशा में बढ़ रहे हैं, जो आगे चलकर एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का रूप ले सकता है।
हालांकि दोनों देशों के बीच कुछ मतभेद भी रहे हैं। अमेरिका ने भारत के रूस से तेल आयात को लेकर चिंता जताई थी, जिस पर ट्रंप प्रशासन ने पहले कड़े बयान दिए थे। लेकिन अब उनके ताजा बयानों से यह संकेत मिल रहा है कि दोनों देश पुराने विवादों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहते हैं। यह बदलाव दोनों देशों के रणनीतिक और आर्थिक रिश्तों के लिए अहम साबित हो सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी हाल के महीनों में कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताओं में “सकारात्मक प्रगति” हो रही है। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि आने वाले समय में दोनों देश एक ऐसा समझौता करेंगे जिससे निवेश, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। अमेरिकी पक्ष भी इस समझौते को अपनी “इंडो-पैसिफिक रणनीति” के अहम घटक के रूप में देख रहा है।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस व्यापार समझौते से भारत को अमेरिकी बाजारों में अधिक पहुंच मिलेगी और भारतीय निर्यातकों को लाभ होगा। वहीं, अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश बढ़ाने का अवसर मिलेगा। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में तेजी आने की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषक यह भी मानते हैं कि ट्रंप के हालिया बयानों से उनके भारत-हितैषी रुख का संदेश जाता है, जो भविष्य में दोनों देशों के आर्थिक सहयोग को मजबूत कर सकता है।
कुल मिलाकर, ट्रंप की ओर से प्रधानमंत्री मोदी के प्रति की गई यह प्रशंसा और व्यापार समझौते पर दिए गए संकेत इस बात का प्रमाण हैं कि भारत-अमेरिका संबंधों में निरंतर मजबूती आ रही है। हालांकि, अभी भी कुछ तकनीकी और नीतिगत चुनौतियाँ बाकी हैं, लेकिन दोनों पक्षों के बीच सहयोग की इच्छा स्पष्ट है। आने वाले महीनों में यह देखने वाली बात होगी कि ये सकारात्मक संकेत वास्तविक समझौते में कब और कैसे परिवर्तित होते हैं।













