अमेरिका से हाल ही में करीब 50 हरियाणा के युवाओं को डिपोर्ट किया गया है, जिनमें ज्यादातर 25 से 30 वर्ष के बीच के हैं। ये सभी युवक ‘दुनकी’ यानी अवैध रास्ते से अमेरिका पहुंचे थे। लेकिन वहां पहुंचने के बाद अमेरिकी एजेंसियों ने इन्हें पकड़ लिया और निर्वासन की प्रक्रिया शुरू कर दी। जब इन्हें भारत भेजा गया तो एयरपोर्ट और विमान में हाथ-पैर में बेड़ियां डाली गई थीं और बंदूकधारी अमेरिकी जवान उनकी निगरानी कर रहे थे। लौटने के बाद युवकों ने बताया कि उन्होंने इस सफर में न केवल अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी बल्कि लाखों रुपये का कर्ज भी चढ़ा लिया। कई पीड़ितों ने खुलासा किया कि उन्होंने घर-जमीन बेचकर या भारी कर्ज लेकर एजेंटों को पैसे दिए थे, लेकिन अमेरिका पहुंचने पर उन्हें कैद जैसी परिस्थितियों में रहना पड़ा। एक युवक ने बताया कि उसने लगभग ₹57 लाख खर्च किए और 14 महीने तक जेल जैसी यातना झेली।
लौटाए गए इन युवकों में सबसे ज्यादा 16 युवक करनाल जिले से हैं, 14 कैथल से, 5 कुरुक्षेत्र से और 3 जिंद से हैं। सभी को प्रशासन ने परिवारों के हवाले कर दिया है और मेडिकल जांच के बाद स्थानीय पुलिस ने उनसे पूछताछ भी की है। इन सभी के खिलाफ कोई बड़ा आपराधिक मामला नहीं है, लेकिन पुलिस अब उन एजेंटों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है जिन्होंने इन युवकों को झूठे वादों के आधार पर विदेश भेजा था। कई युवकों ने बताया कि एजेंटों ने उन्हें सुरक्षित और कानूनी रास्ते से अमेरिका भेजने का भरोसा दिया था, लेकिन असल में उन्हें कई देशों से होकर खतरनाक जंगलों और सीमाओं को पार करवाया गया। कुछ एजेंट पैसे लेने के बाद गायब हो गए, जिससे परिवारों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह चरमरा गई।
अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले महीनों में भारतीयों सहित कई अवैध प्रवासियों को पकड़ा था। कई बार ऐसे अभियानों की तस्वीरें और वीडियो सामने आए जिनमें भारतीय नागरिकों को बेड़ियों में दिखाया गया। इन वीडियो ने भारत में भी राजनीतिक और सामाजिक हलचल मचा दी थी। विपक्षी दलों और मानवाधिकार संगठनों ने इन डिपोर्टेशन प्रक्रियाओं को अमानवीय बताया और भारत सरकार से इस पर सख्त प्रतिक्रिया की मांग की थी।
हरियाणा प्रशासन ने युवाओं को चेतावनी दी है कि वे किसी भी स्थिति में अवैध मार्ग से विदेश जाने की कोशिश न करें। प्रशासन का कहना है कि अब एजेंटों और ऐसे नेटवर्क के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही लौटे हुए युवकों को पुनर्वास और सहायता देने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि विदेश में रोजगार पाने के लिए युवाओं को कानूनी और वैध माध्यमों की जानकारी दी जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
‘दुनकी’ या ‘डंकी’ रूट लंबे समय से अवैध प्रवास का खतरनाक रास्ता माना जाता है। इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को कई देशों के सीमाओं, जंगलों और समुद्री रास्तों से होकर जाना पड़ता है, जिसमें जान का खतरा हमेशा बना रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार बेरोजगारी, गरीबी और बेहतर जीवन के लालच में युवा ऐसे रास्तों को चुन लेते हैं और ठग एजेंटों का शिकार बन जाते हैं। हाल में अमेरिका से लौटे हरियाणा के ये 50 युवक उस भयावह सच्चाई का हिस्सा हैं, जो दिखाती है कि अवैध रास्तों से विदेश पहुंचने की कोशिश न केवल विफल होती है बल्कि जिंदगी भर का बोझ भी दे जाती है।













