अहमदाबाद — गुजरात में शराबबंदी के बीच अहमदाबाद के शिलाज क्षेत्र स्थित एक फार्महाउस में पुलिस ने देर रात एक रेव-स्टाइल पार्टी का भंडाफोड़ किया और पुलिस छापे में कुल 20 लोगों को हिरासत में लिया गया। यह छापा स्थानीय बोपल थाना और अन्य अपराध निवारण इकाइयों की गुप्त इन्टेलिजेंस के बाद लगाया गया, जिसमें बताया गया कि फार्महाउस में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होकर नशे और मदिरा का प्रयोग कर रहे थे और आयोजन को कॉलेज-गैदरिंग या सोशल-मिक्सर के रूप में प्रचारित किया गया था। घटना की खबर पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने वहां मौजूद लोगों की पहचान कर प्रारंभिक पूछताछ की और मदिरा एवं हुक्का सहित कई सामान जब्त किए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तारियों में विदेशी नागरिक भी शामिल थे — लगभग 13 विदेशी छात्र बताये जा रहे हैं जिनमें कई ईस्ट अफ्रीकी देशों के नागरिक बताए जा रहे हैं। पहले मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी के आयोजकों में एक केन्याई छात्र का नाम सामने आया है और कुछ सहभागी गुजरात विश्वविद्यालय से जुड़े भी बताए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के एक आधिकारिक बयान में यह भी कहा गया कि कुछ विश्वविद्यालयीन छात्र इस कार्यक्रम में शामिल पाए गए हैं; हालांकि विश्वविद्यालय ने जांच के साथ-साथ यह भी कहा कि विदेशी छात्र स्थानीय नियमों और कानूनों के दायरे में आते हैं और यदि किसी ने नियमों का उल्लंघन किया है तो उसके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
मौके से बरामद मदिरा और हुक्का के सामानों की मात्रा पुलिस ने ‘काफी’ बताई है। रिपोर्टों में अलग-अलग ब्रांडों की कई बोतलों के साथ हुक्के और उनके उपकरण जब्त किए जाने का जिक्र है — कुछ स्थानीय रिपोर्टों ने हुक्कों की संख्या 13-15 तक बताई है। बरामद सामानों की शुरुआतिक थोक जांच के लिए भेजी जा चुकी है और पुलिस की फॉरेंसिक टीम और आबकारी विभाग इस मामले में सामग्री की पक्की पहचान और मोल-तौल लेकर आगे की विधिक प्रक्रिया पूरी करेंगे। फार्महाउस के भीतर ली गई वीडियो फुटेज और वहां मौजूद लोगों के बयान भी मामले की जांच में अहम साबित होंगे।
पुलिस का कहना है कि छापेमारी से पहले एक मुखबीर द्वारा पास खरीद कर पार्टी में भेजा गया था ताकि आयोजन की असली प्रकृति का पता चल सके। इसी के आधार पर फार्महाउस में छापा मार कर घटनास्थल पर मौजूद लोगों की पहचान की गई और गिरफ्तारियां की गईं। शुरुआती पूछताछ में पुलिस ने यह भी पाया कि यह स्थान समय-समय पर निजी आयोजनों के लिए उपयोग में आता रहा है, इसलिए फार्महाउस के मालिक तथा आयोजकों के कनेक्शन और शराब की आपूर्ति के स्रोतों की तफ्तीश भी शुरू कर दी गई है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या यह आयोजन किसी बड़े नेटवर्क या तस्करी सर्किल से जुड़ा था या नहीं।
कानूनी रूप से यह मामला सीधे तौर पर गुजरात की सख्त शराबबंदी नीति के दायरे में आता है। पुलिस ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों के खिलाफ गुजरात परोहिबिशन एक्ट और संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया जा रहा है तथा आवश्यकतानुसार मामले को आगे धमकी या तस्करी जैसे संगीन आरोपों तक भी बढ़ाया जा सकता है। अधिकारियों ने साफ कहा कि राज्य में शराबबंदी लागू है और कोई भी विदेशी नागरिक या छात्र इस नियम से अलग नहीं है; नियमों का पालन सभी के लिए अनिवार्य है। साथ ही पुलिस ने सार्वजनिक तौर पर आगाह किया कि ऐसे आयोजन जहां शराब परोसी जा रही हो या नशीले पदार्थों का सेवन हो रहा हो, उन पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया पर इस घटना के वीडियो और तस्वीरें तेज़ी से फैल गईं, जिनमें पार्टी के दौरान लगे साज-सज्जा और वहां मौजूद लोगों की हलचल दिखती है। कुछ वीडियो क्लिप्स में लोगों को बेहोशी की हालत में पड़ा हुआ दिखाया गया है जबकि अन्य में भाग रहे लोगों और हल्ला-गुल्ला की आवाज़ें सुनाई देती हैं। पुलिस ने इन मीडिया रिपोर्ट्स पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जांच पूरी होने तक किसी निष्कर्ष पर पहले से टिप्पणी नहीं की जा सकती और डिजिटल फुटेज की शुद्धता और समय-सीमा की पुष्टि की जा रही है।
स्थानीय निवासियों और आसपास के रहवासी इस घटना को लेकर चिंतित दिखे। कई लोगों ने बताया कि फार्महाउस का इस्तेमाल बार-बार बड़े निजी कार्यक्रमों के लिए होता देखा गया है और इससे इलाके की शांति भी प्रभावित होती है। कुछ ने कहा कि ऐसे आयोजनों से सार्वजनिक व्यवस्था प्रभावित होती है और इससे अपराध और अनुशासनहीनता को बढ़ावा मिलता है। वहीं अन्य नागरिकों ने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए, चाहे वह स्थानीय नागरिक हो या विदेशी छात्र।
घटना के बाद अब पुलिस का फोकस फार्महाउस के मालिक और आयोजकों के नेटवर्क का पता लगाना है — खासकर यह जानने के लिए कि मदिरा की व्यवस्था कहाँ से हो रही थी और क्या यह लगातार चलने वाला व्यवस्थित आयोजन था। आबकारी विभाग, उच्च न्यायिक अधिकारियों और विश्वविद्यालय के संबंधित पदाधिकारियों के साथ समन्वय में आगे की कानूनी कार्रवाई और आवश्यक समन्वय किया जाएगा। पुलिस ने सार्वजनिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आसपास के क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी है।
इस पूरे मामले में अभी कई पहलू पता होने बाकी हैं — जैसे पकड़े गए विदेशी छात्रों का वीज़ा स्थिति, उनकी शिक्षा-संस्था से संबंधित औपचारिकताएँ, और बरामद मदिरा की मात्रा व प्रकृति की विस्तृत जांच। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जो भी तथ्य सामने आएंगे, उन्हें पारदर्शी तरीके से सार्वजनिक किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर विदेशी दूतावासों को भी सूचित किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन और विश्वविद्यालय से भी कहा गया है कि वे अपने-अपने पक्ष की बातों को एकत्र कर पुलिस की जांच में सहयोग करें।
अंततः यह मामला गुजरात में लागू कड़े कानूनों और स्थानीय सुरक्षा-व्यवस्था की उस सतर्कता की ओर संकेत करता है जो ऐसे आयोजनों पर दिखायी गई। जबकि बचे हुए पहलुओं की जांच जारी है, अधिकारियों की मनाती कड़ी चेतावनी यह है कि राज्य में शराबबंदी के उल्लंघन पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी और यदि किसी के खिलाफ आपराधिक प्रवृत्ति या तस्करी के प्रमाण मिलते हैं तो वैधानिक कार्रवाई तीव्रता से की जाएगी।













