कनाडा के भ्रामक प्रचार पर ट्रम्प की सख्ती, अमेरिका ने रोक दीं व्यापार वार्ताएँ

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में कनाडा के साथ चल रही सभी व्यापार वार्ताओं को तत्काल प्रभाव से रोकने की घोषणा कर दी है। ट्रम्प ने कहा कि उन्हें कनाडा द्वारा अमेरिका में चलाए गए कुछ टीवी विज्ञापनों पर गहरी आपत्ति है। उनका आरोप है कि इन विज्ञापनों में अमेरिकी टैरिफ नीतियों को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया और जनता की राय को प्रभावित करने की कोशिश की गई। राष्ट्रपति ने इसे “भ्रामक और अनुचित प्रचार” करार देते हुए सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए कहा कि “जब तक कनाडा इस तरह की हरकतें बंद नहीं करता, तब तक किसी भी प्रकार की व्यापार वार्ता संभव नहीं है।

विवाद की जड़ ओंटारियो सरकार द्वारा अमेरिका में प्रसारित किए गए एक टेलीविजन विज्ञापन से जुड़ी है। इस विज्ञापन में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के एक पुराने भाषण का अंश दिखाया गया था, जिसमें उन्होंने व्यापार सहयोग और खुले बाजार की वकालत की थी। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विज्ञापन को इस तरह संपादित किया गया कि यह ट्रम्प प्रशासन की टैरिफ नीतियों पर अप्रत्यक्ष कटाक्ष करता दिखा। रीगन फाउंडेशन ने भी विज्ञापन में अपने पूर्व राष्ट्रपति के क्लिप्स के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई और कहा कि यह रीगन के विचारों की गलत व्याख्या है।

ओंटारियो सरकार ने हालांकि इस विज्ञापन का बचाव किया है। उनका कहना है कि इस अभियान का मकसद केवल अमेरिकी दर्शकों को यह बताना था कि मौजूदा टैरिफ नीतियों से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान हो रहा है। कनाडाई अधिकारियों ने कहा कि विज्ञापन में किसी भी तरह की राजनीतिक टिप्पणी नहीं थी, बल्कि यह व्यापारिक प्रभावों पर केंद्रित एक जनजागरण अभियान था।

अमेरिका और कनाडा के बीच आर्थिक संबंध बेहद गहरे हैं। दोनों देशों के बीच प्रतिदिन अरबों डॉलर का व्यापार होता है। ऐसे में ट्रम्प के इस निर्णय से ऑटोमोबाइल, कृषि, और विनिर्माण क्षेत्र पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। कई विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों में तनाव को और बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वार्ताएँ लंबे समय तक ठप रहीं, तो आपूर्ति शृंखला में बाधा आ सकती है और कंपनियों को नए बाजार तलाशने पड़ सकते हैं।

राजनयिक स्तर पर भी यह घटना अमेरिका-कनाडा संबंधों में नई खटास पैदा कर सकती है। दोनों देशों के बीच पहले से ही टैरिफ, डिजिटल कर, और व्यापारिक समझौतों पर मतभेद बने हुए हैं। अब यह विज्ञापन विवाद उन तनावों को और गहरा कर सकता है। कनाडाई प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन कूटनीतिक हलकों में उम्मीद जताई जा रही है कि बातचीत के जरिए दोनों देश जल्द ही किसी समाधान तक पहुँचेंगे।

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