हरियाणा सरकार ने गन्ना किसानों की आय बढ़ाने और चीनी मिलों के आधुनिकीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनके उत्पाद का पूरा मूल्य समय पर दिया जाए। 2024-25 के पेराई सत्र में राज्य की सहकारी चीनी मिलों ने किसानों से कुल ₹1,278.50 करोड़ का गन्ना खरीदा और उन्हें पूरा भुगतान किया। इसके अलावा, हरियाणा शुगरफेड के अध्यक्ष धर्मबीर सिंह डागर ने किसानों को उनके गन्ने का भुगतान एक सप्ताह के भीतर करने का आश्वासन दिया है।
राज्य सरकार ने सहकारी चीनी मिलों को आधुनिक मशीनों से लैस करने के निर्देश भी दिए हैं, जिससे गन्ने की रिकवरी बढ़े और मिलों में होने वाले नुकसान में कमी आए। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने अधिकारियों को नई तकनीकों और मशीनों को मिलों में लागू करने तथा किसानों को नई गन्ना किस्मों के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। धर्मबीर सिंह डागर ने गन्ना कटाई मशीनों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ये मशीनें किसानों और मिलों दोनों के लिए लाभकारी साबित होंगी, क्योंकि इससे श्रमिकों की कमी और उच्च लागत की समस्याओं का समाधान होगा।
इसके साथ ही, राज्य सरकार ने केंद्रीय किस्मों की समिति द्वारा उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के लिए जारी नई गन्ना किस्मों को अपनाने की योजना बनाई है। इससे किसानों को बेहतर उत्पादन और उच्च आय की संभावना मिलेगी। इन पहलों के माध्यम से हरियाणा सरकार गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने और चीनी मिलों के आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। समय पर भुगतान, आधुनिक मशीनों की उपलब्धता और नई गन्ना किस्मों का प्रचार निश्चित रूप से किसानों के लिए लाभकारी साबित होगा।












