हिमाचल में NCC कैडेट्स की उड़ान शुरू: SW-80 Garuda विमान ने भरी पहली उड़ान, भुंतर एयरपोर्ट बना प्रशिक्षण केंद्र

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हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। कुल्लू जिले के भुंतर एयरपोर्ट पर हाल ही में SW-80 Garuda माइक्रोलाइट विमान की लैंडिंग के साथ ही अब राज्य के NCC एयर विंग कैडेट्स को अपने ही प्रदेश में उड़ान प्रशिक्षण की सुविधा मिलने जा रही है। पहले इन कैडेट्स को फ्लाइंग ट्रेनिंग के लिए पंजाब के पटियाला या अन्य राज्यों में जाना पड़ता था, लेकिन अब यह सुविधा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होने से उन्हें काफी राहत मिलेगी।

कुल्लू स्थित NCC एयर विंग यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर विंग कमांडर अनंत पुजारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने दो Pipistrel Virus SW-80 Garuda विमान NCC को सौंपे हैं। यह दो सीटों वाला हल्का माइक्रोलाइट विमान शुरुआती पायलटों के प्रशिक्षण के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। अब इन विमानों की मदद से कैडेट्स को वास्तविक उड़ान अनुभव प्राप्त होगा, जिससे उनके आत्मविश्वास और कौशल दोनों में वृद्धि होगी।

कुल्लू की NCC यूनिट की स्थापना वर्ष 1972 में हुई थी। वर्ष 2006 में इस यूनिट को पहला माइक्रोलाइट विमान मिला था, जिसे बाद में दूसरी यूनिट को स्थानांतरित कर दिया गया था। वर्तमान में यूनिट में करीब 350 से अधिक कैडेट्स प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। अब भुंतर एयरपोर्ट पर ही इन कैडेट्स को उड़ान प्रशिक्षण देने की तैयारी शुरू हो गई है। एयरपोर्ट परिसर में एक विशेष टैक्सी ट्रैक का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिस पर लगभग ₹57 लाख की लागत आने की संभावना है। इस परियोजना को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से स्वीकृति मिल चुकी है और इसे तीन महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

NCC का मुख्य उद्देश्य युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और राष्ट्रसेवा की भावना को विकसित करना है। SW-80 Garuda विमान के जुड़ने से अब हिमाचल के युवाओं को न केवल आधुनिक एविएशन तकनीक से जुड़ने का अवसर मिलेगा, बल्कि यह राज्य में एयरोनॉटिक्स और सिविल एविएशन के क्षेत्र में नए अवसरों के द्वार भी खोलेगा। इस पहल से हिमाचल प्रदेश अब उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो गया है, जहां NCC कैडेट्स को पहाड़ी क्षेत्रों में ही फ्लाइंग ट्रेनिंग की सुविधा उपलब्ध होगी।

यह कदम न केवल NCC कैडेट्स के लिए एक नई उड़ान साबित होगा, बल्कि प्रदेश में विमानन प्रशिक्षण और युवाओं के कैरियर विकास के लिए भी एक प्रेरणादायक पहल के रूप में देखा जा रहा है।

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