भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के प्रमुखों के सम्मेलन (UNTCC Chiefs Conclave) में हिस्सा लेते हुए अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन को लेकर चीन और पाकिस्तान पर कड़ा इशारा किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कुछ देश खुलेआम अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, जो वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है।
सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत हमेशा अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर का संस्थापक सदस्य है और उसकी नीति ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ – ‘पूरा विश्व एक परिवार है’ – को प्रतिबिंबित करती है। इसके साथ ही उन्होंने यह रेखांकित किया कि भारत ने हमेशा संयुक्त राष्ट्र के ध्वज तले शांति स्थापना में सक्रिय भूमिका निभाई है और इसके लिए कोई विकल्प नहीं, बल्कि यह आस्था का विषय है।
हालांकि उन्होंने किसी देश का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन उनके संबोधन से पाकिस्तान और चीन की ओर इशारा स्पष्ट था। पाकिस्तान के संदर्भ में उन्होंने कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति का हिस्सा बनाते हैं और आतंकवादियों को शरण देते हैं। ऐसे देशों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। चीन के संदर्भ में उन्होंने यह कहा कि कुछ देश अपने हितों के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों को नजरअंदाज कर रहे हैं और अपने बनाए नियम थोपने की कोशिश कर रहे हैं।
रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी भारत की विदेश नीति की स्पष्टता और दृढ़ता को दर्शाती है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान और चीन पर परोक्ष रूप से चेतावनी दी, साथ ही यह संदेश भी दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय नियमों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। इस सम्मेलन में भारत की भूमिका और उसकी विदेश नीति की दिशा को लेकर वैश्विक समुदाय में चर्चा का माहौल बना हुआ है।













