सुनवाई 17 अक्टूबर को: प्रधानमंत्री की मां पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में विपक्षी नेता निशाने पर

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बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां के खिलाफ की गई कथित अभद्र टिप्पणी के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी की कानूनी मुश्किलें बढ़ गई हैं। यह विवाद दरभंगा के जाले विधानसभा क्षेत्र में आयोजित ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान तब शुरू हुआ जब मंच से प्रधानमंत्री मोदी की मां के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा नेताओं ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की और शेखपुरा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJMD) की अदालत में परिवाद पत्र दाखिल किया। इस परिवाद पत्र में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी और 100 अज्ञात व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि इन नेताओं ने जानबूझकर और साजिश के तहत अभद्र टिप्पणी की अनुमति दी, जिससे समाज में विद्वेष फैलने की संभावना बनी।

शेखपुरा कोर्ट में इस मामले में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनमें मानहानि, विद्वेष फैलाने और सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप शामिल हैं। अदालत ने इस मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर 2025 के लिए निर्धारित की है। इससे पहले पटना की अदालत में भी इसी तरह का परिवाद पत्र दायर किया गया था, जिसमें राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी और मोहम्मद रिजवी उर्फ राजा को आरोपी बनाया गया।

इस मामले को लेकर बिहार की राजनीति में हलचल मची हुई है। भाजपा और NDA नेताओं ने इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वहीं, विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित कार्रवाई बताया है। इस विवाद ने न केवल राजनीतिक माहौल को गर्म किया है, बल्कि राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी के लिए कानूनी चुनौतियां भी बढ़ा दी हैं। अदालत में आगे की सुनवाई और निर्णय बिहार की राजनीति और इन नेताओं के भविष्य पर अहम प्रभाव डाल सकता है।

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