मेडागास्कर इन दिनों बड़े पैमाने पर चल रहे युवा-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों का केंद्र बन गया है। राजधानी अंतानानारिवो सहित कई शहरों में हजारों युवा ‘Gen Z Madagascar’ आंदोलन के बैनर तले सड़कों पर उतर आए हैं। शुरू में यह विरोध पानी और बिजली कटौती जैसी स्थानीय समस्याओं को लेकर शुरू हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे यह आंदोलन शासन में व्याप्त भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई और सरकार की नीतियों के खिलाफ एक व्यापक जनआक्रोश में बदल गया। अब प्रदर्शनकारी देश के राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
बीते दिनों प्रदर्शनकारियों ने कई इलाकों में सड़कें जाम कर दीं, टायर जलाए और सरकारी इमारतों के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। जवाब में पुलिस और सुरक्षा बलों ने आंसू गैस, रबर की गोलियां और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया, जिससे कई जगह हिंसक झड़पें हुईं। इन झड़पों में कई लोगों के घायल होने और कुछ के मारे जाने की खबरें सामने आई हैं। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों, जिनमें संयुक्त राष्ट्र और एमनेस्टी इंटरनेशनल भी शामिल हैं, ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग की निंदा की है और स्वतंत्र जांच की मांग की है।
‘Gen Z Madagascar’ आंदोलन मुख्य रूप से सोशल मीडिया और डिजिटल नेटवर्क के ज़रिए संगठित किया गया है। युवाओं का यह समूह पहले नेपाल और श्रीलंका में हुए समान आंदोलनों से प्रेरणा ले रहा है, जहाँ युवा वर्ग ने सत्ता के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी। मेडागास्कर में भी यही पीढ़ी अब भ्रष्टाचार और असमानता के खिलाफ मोर्चा संभाल रही है। आंदोलन के आयोजकों का कहना है कि वे “न्याय, पारदर्शिता और बेहतर भविष्य” की मांग कर रहे हैं।
बढ़ते दबाव को देखते हुए राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना ने हाल ही में अपनी सरकार को भंग करने और कुछ वरिष्ठ मंत्रियों को हटाने की घोषणा की थी। उन्होंने विपक्षी दलों और प्रदर्शनकारी समूहों के साथ संवाद की पेशकश भी की। हालांकि, प्रदर्शनकारी इन कदमों से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने राष्ट्रपति से पूर्ण रूप से इस्तीफा देने की मांग दोहराई। कई छात्र समूहों और युवा नेताओं ने सरकार के संवाद प्रस्ताव को “समय खरीदने की रणनीति” बताया है।
मेडागास्कर पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट, गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहा है। देश में लगभग आधी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है, जबकि सार्वजनिक सेवाओं की हालत भी बेहद खराब है। ऐसे में युवाओं का यह आंदोलन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। कई उद्योगों में लूटपाट और व्यापारिक गतिविधियों में व्यवधान की खबरें आई हैं, जिससे अर्थव्यवस्था पर और दबाव बढ़ गया है।
विश्लेषकों का मानना है कि मेडागास्कर में चल रहा यह ‘Gen Z आंदोलन’ केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर उभरती युवा राजनीतिक चेतना का हिस्सा है। जैसे श्रीलंका और नेपाल में युवा वर्ग ने बदलाव की मांग की थी, वैसे ही मेडागास्कर में भी नई पीढ़ी पारंपरिक राजनीतिक ढांचे को चुनौती दे रही है। यह आंदोलन आने वाले दिनों में देश की राजनीति की दिशा तय कर सकता है, क्योंकि युवा वर्ग अब केवल सोशल मीडिया पर नहीं, बल्कि सड़कों पर भी अपनी आवाज बुलंद कर रहा है।
