हिंद महासागर में भारत और ब्रिटेन की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय समुद्री युद्धाभ्यास ‘एक्सरसाइज कोंकन 2025’ (Exercise KONKAN-2025) की शुरुआत हो गई है। यह अभ्यास भारत के पश्चिमी तट पर 5 अक्तूबर से आयोजित किया जा रहा है और इसका उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच परिचालनिक सहयोग, सामरिक तालमेल और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत बनाना है। अभ्यास के दौरान दोनों नौसेनाएँ उन्नत समुद्री अभियानों, एयरक्राफ्ट कैरियर ऑपरेशन, पनडुब्बी रोधी युद्धाभ्यास, और समुद्री निगरानी जैसी जटिल प्रक्रियाओं में एक-दूसरे के साथ समन्वय प्रदर्शित करेंगी।
इस बार के कोंकन अभ्यास की खासियत यह है कि इसमें दोनों देशों के एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप शामिल हैं। भारतीय नौसेना की ओर से स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत नेतृत्व कर रहा है, जबकि ब्रिटेन की रॉयल नेवी का प्रतिनिधित्व एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स कर रहा है। इनके साथ विध्वंसक, फ्रिगेट, पनडुब्बियाँ, हेलीकॉप्टर और आधुनिक लड़ाकू विमान भी भाग ले रहे हैं। ब्रिटिश कैरियर ग्रुप इस समय ‘ऑपरेशन हाईमास्ट’ के तहत बहुराष्ट्रीय समुद्री तैनाती पर है, जिसके साथ लगभग 12 अन्य देशों के जहाज और नौसैनिक बल भी इस अभ्यास के हिस्से के रूप में शामिल हैं। यह सहयोग हिंद महासागर क्षेत्र में साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
अभ्यास का पहला चरण 5 अक्तूबर से 12 अक्तूबर तक चलेगा, जबकि 14 अक्तूबर को भारतीय वायु सेना और ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स के बीच एक संयुक्त हवाई अभ्यास भी किया जाएगा। इस अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेनाएँ समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभियानों, खोज एवं बचाव मिशन, और समुद्री कानून के अनुपालन जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग की संभावनाओं को परखेंगी।
अधिकारियों के अनुसार, ‘एक्सरसाइज कोंकन 2025’ केवल सैन्य शक्ति के प्रदर्शन का माध्यम नहीं, बल्कि भारत और ब्रिटेन के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों और रक्षा साझेदारी को और गहरा करने का प्रतीक है। यह अभ्यास दोनों देशों की “विजन 2035 साझेदारी” के तहत रक्षा और सुरक्षा सहयोग को नई दिशा देने वाला कदम है, जो हिंद महासागर क्षेत्र में स्वतंत्र, खुले और सुरक्षित समुद्री मार्गों को सुनिश्चित करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
