CM नीतीश ने कैबिनेट में 129 प्रस्तावों को दी मंजूरी, राज्य में विकास की होगी गति तेज

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बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की अधिसूचना से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की अंतिम बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में कुल 129 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई, जिनमें विकास योजनाओं, कर्मचारियों के हित, कानून-व्यवस्था और सामाजिक कल्याण से जुड़े कई अहम फैसले शामिल हैं। विकास योजनाओं के तहत पटना में 46.65 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर 124 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विभिन्न विकास कार्यों को मंजूरी दी गई, वहीं भागलपुर में 651 करोड़ रुपये की लागत से सीमेंट प्लांट की स्थापना को हरी झंडी दिखाई गई। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण थोक विपणन समिति का मुख्यालय भी पटना में स्थापित किया जाएगा।

सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना के लिए 50 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के लिए 100 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना को मंजूरी दी गई, जिससे युवाओं को सरकारी योजनाओं में भागीदारी का अवसर मिलेगा। कर्मचारियों के हित में आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय 9,000 रुपये और सहायिकाओं का मानदेय 4,500 रुपये मासिक किया गया, जन वितरण दुकानदारों का कमीशन बढ़ाकर प्रति क्विंटल 258.40 रुपये किया गया और किसान सलाहकारों का मानदेय 13,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये मासिक कर दिया गया।

कानून-व्यवस्था और सुरक्षा के क्षेत्र में राज्य के 176 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 2806 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई। स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट संवर्ग सेवा नियमावली 2025 लागू की गई, जबकि उद्योग विभाग में बुनकर संवर्ग सेवा नियमावली को मंजूरी दी गई। शहरी विकास के लिए पटना, गया, छपरा, सहरसा, भागलपुर और बेगूसराय में एलपीजी आधारित शवदाह गृहों की स्थापना और नगर निकायों के बिजली बिल भुगतान के लिए 400 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी गई।

इन सभी फैसलों का उद्देश्य राज्य में विकास की गति को तेज करना और विभिन्न वर्गों को लाभ पहुंचाना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन निर्णयों को बिहार के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि यह योजनाएं सभी नागरिकों की भलाई और रोजगार, सुरक्षा तथा सामाजिक कल्याण को सुनिश्चित करेंगी।

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