संस्कार और समरसता ही भारत की ताकत: RSS प्रमुख मोहन भागवत

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दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान भारत की ऐतिहासिक भूमिका और वर्तमान चुनौतियों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा विश्व का नेतृत्व किया है और मानवता को दिशा देने का काम किया है, लेकिन आज जरूरत है कि हम अपनी मूल पहचान और संस्कृति को बनाए रखते हुए आगे बढ़ें।

मोहन भागवत ने कहा कि भारत ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया और न ही दूसरों की भूमि पर कब्जा किया। इसके बावजूद देश ने अपने ज्ञान, संस्कृति और आध्यात्मिकता से दुनिया को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत से उम्मीदें और जिम्मेदारियां दोनों ही बढ़ी हैं।

संघ प्रमुख ने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी जड़ों से जुड़कर आधुनिकता को अपनाएं। उन्होंने कहा कि विज्ञान, तकनीक और आर्थिक विकास की दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन साथ ही भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों की रक्षा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

भागवत ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का नेतृत्व शक्ति के आधार पर नहीं, बल्कि संस्कार और समरसता के आधार पर है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया अशांति और संघर्ष से जूझ रही है, ऐसे में भारत को शांति और सह-अस्तित्व का संदेश देना चाहिए।

उनके इस संबोधन को आने वाले समय में भारत की भूमिका और वैश्विक कूटनीति के दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है।

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