मन की बात: PM मोदी बोले—आपदाओं में खोए जीवन हमारी सामूहिक पीड़ा, सरकार हर परिवार के साथ

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नई दिल्ली, 31 अगस्त 2025 — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देशवासियों से अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 125वें संस्करण के माध्यम से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने हालिया प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि ऐसे कठिन समय में पूरा देश एकजुट होकर दुख-सुख में साझेदार बनता है।

प्राकृतिक आपदाओं का दर्द और संवेदना

प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में विभिन्न राज्यों में आई बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन जैसी घटनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन आपदाओं ने न केवल भारी जन-धन हानि की है बल्कि कई परिवारों से उनके प्रियजन भी छीन लिए हैं। मोदी ने कहा—

“जिन्होंने अपने परिजनों को खो दिया, उनकी पीड़ा सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि पूरे देश की पीड़ा है। यह हम सबका साझा दर्द है।”

उन्होंने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और हिमालयी क्षेत्रों में हुई घटनाओं का उल्लेख किया और कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें पूरी गंभीरता से राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।

आपदा प्रबंधन में सामूहिक प्रयास

PM मोदी ने NDRF, सशस्त्र बलों, स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवकों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि आपदा के समय सामुदायिक सहयोग ही भारत की असली ताकत है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि प्रभावित परिवारों के लिए त्वरित राहत, घायलों का उपचार और पुनर्वास की प्रक्रिया को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) के माध्यम से दी जा रही सहायता का ज़िक्र करते हुए कहा कि सरकार हर संभव तरीके से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है।

‘वोकल फॉर लोकल’: त्योहारों में स्वदेशी को अपनाने की अपील

त्योहारों का मौसम शुरू होने पर प्रधानमंत्री ने ‘वोकल फॉर लोकल’ की अपील दोहराई। उन्होंने कहा कि देशवासियों को स्थानीय कारीगरों, MSMEs और स्टार्टअप्स से सामान खरीदना चाहिए ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और छोटे उद्योगों को सीधा लाभ मिल सके।

PM ने जोर देकर कहा—

“त्योहारों की खुशियों के बीच अगर हम लोकल उत्पाद खरीदते हैं, तो यह न केवल हमारी संस्कृति को मजबूत करता है बल्कि अनेक परिवारों की आजीविका को भी संबल देता है।”

नागरिकों से अपील

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया कि:

प्रभावित इलाकों में प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से दूर रहें।

राहत और पुनर्वास अभियानों में यथासंभव योगदान दें।

त्योहारों की खरीदारी में स्वदेशी और स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें।

कार्यक्रम का महत्व और उपलब्धता

आज का प्रसारण ‘मन की बात’ का 125वां एपिसोड था, जिसे आकाशवाणी, दूरदर्शन और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर एक साथ प्रसारित किया गया। यह कार्यक्रम आगे भी NewsOnAir ऐप, PMO की वेबसाइट और विभिन्न सोशल मीडिया चैनलों पर उपलब्ध रहेगा।

निष्कर्ष

PM मोदी का यह संबोधन आपदा प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और राष्ट्रीय एकजुटता का संदेश लेकर आया। उन्होंने जहाँ राहत और पुनर्वास को सरकार की प्राथमिकता बताया, वहीं त्योहारों के अवसर पर देशवासियों से स्वदेशी वस्तुओं को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मज़बूती देने की भी अपील की।

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