अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ऐलान किया है कि निर्माणाधीन राम मंदिर के शिखर पर इस वर्ष नवंबर में भव्य ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। आयोजन तीन दिनों तक चलेगा, जिसमें धार्मिक अनुष्ठान, वैदिक मंत्रोच्चार और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी।
25 नवंबर को मुख्य समारोह
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 25 नवंबर को मंदिर के मुख्य शिखर पर केसरिया पताका फहराई जाएगी। इसके साथ ही मंदिर परिसर के अन्य शिखरों पर भी धर्मध्वज आरोहित किए जाएंगे। आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए ट्रस्ट ने विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया है।
तैयारियाँ तेज, शिखर पर ध्वज-दण्ड स्थापित
ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के मुख्य शिखर पर पहले ही 42 फीट ऊँचा ध्वज-दण्ड स्थापित किया जा चुका है। अब शिखर-कलश और अन्य स्थापत्य कार्य अंतिम चरण में हैं। इन्हीं के पूरा होते ही ध्वजारोहण का औपचारिक कार्यक्रम संपन्न होगा।
संत-समाज और वीवीआईपी को आमंत्रण
इस भव्य आयोजन में देशभर से संत-साधु, धर्माचार्य और विभिन्न सांस्कृतिक हस्तियों को आमंत्रित किए जाने की तैयारी चल रही है। साथ ही, कई शीर्ष राजनीतिक हस्तियों और वीवीआईपी अतिथियों की उपस्थिति की संभावना भी जताई जा रही है। हालांकि, अतिथियों की आधिकारिक सूची जल्द ही ट्रस्ट द्वारा जारी की जाएगी।
धार्मिक-सांस्कृतिक स्वरूप
ध्वजारोहण केवल एक औपचारिक क्रिया नहीं होगा, बल्कि इसे धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। आयोजन के दौरान विशेष पूजा-विधि, रामकथा, भजन-कीर्तन और सांगीतिक कार्यक्रम भी होंगे, जिससे पूरा अयोध्या क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में डूब जाएगा।
सुरक्षा और प्रशासनिक इंतजाम
इतने बड़े स्तर के आयोजन को देखते हुए प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। श्रद्धालुओं की भीड़, वीवीआईपी मेहमानों और मीडिया की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए यातायात, सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की विशेष रूपरेखा बनाई जा रही है।
राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की उपस्थिति पर संशय
हालांकि कुछ रिपोर्टों में राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की उपस्थिति की संभावना जताई जा रही है, लेकिन अभी तक इस बारे में ट्रस्ट या सरकारी स्तर पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। अंतिम घोषणा होने तक इसे केवल अटकल के रूप में देखा जाना चाहिए।
