नई दिल्ली, 12 अगस्त 2025 — देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने रूस से जुड़े निजी रिफाइनर नायरा एनर्जी के कुछ लेन-देन रोक दिए हैं। बैंक का कहना है कि यह कदम अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के संभावित जोखिम को देखते हुए उठाया गया है।
क्या है मामला
SBI ने नायरा एनर्जी के विदेशी मुद्रा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार से जुड़े ट्रांजैक्शन फिलहाल प्रोसेस करना बंद कर दिया है।
यह निर्णय बैंक ने स्वतंत्र रूप से लिया है, सरकार की ओर से कोई अनिवार्य निर्देश नहीं था।
कदम का उद्देश्य है — ऐसे किसी भी दंड या कार्रवाई से बचना जो अमेरिका या यूरोपीय संघ (EU) के प्रतिबंधों के कारण हो सकती है।
नायरा पर बढ़ता दबाव
नायरा एनर्जी हाल ही में यूरोपीय संघ की प्रतिबंध सूची में शामिल हुई है। कंपनी का रूस के ऊर्जा कारोबार से जुड़ाव होने के कारण उसे शिपिंग, भुगतान और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ लेन-देन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
शिपिंग में दिक्कत: कई जहाजरानी कंपनियां नायरा से दूरी बना रही हैं।
व्यापारिक चुनौतियां: कुछ वैश्विक ग्राहक भुगतान स्वीकार करने में हिचकिचा रहे हैं।
कंपनी की रणनीति
रिपोर्टों के अनुसार, नायरा एनर्जी अब ऐसे भारतीय बैंकों की तलाश कर रही है जिनका वैश्विक स्तर पर सीमित संपर्क हो और जो प्रतिबंधों से जुड़े जोखिम को संभालने में सक्षम हों। इसके अलावा, कंपनी ने घरेलू शिपिंग संसाधनों की मदद लेने पर भी विचार किया है।
असर और आगे की स्थिति
विशेषज्ञों का मानना है कि SBI का यह निर्णय नायरा की रिफाइनिंग और सप्लाई चेन पर असर डाल सकता है, खासकर ईंधन आपूर्ति और निर्यात पर। भविष्य में यह स्थिति इस बात पर निर्भर करेगी कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की दिशा और भारत की बैंकिंग नीतियां कैसे बदलती हैं।
