भारत को आखिरकार नया आयकर कानून मिल गया है। संसद से पारित Income Tax Act, 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है और अब इसे आधिकारिक रूप से अधिसूचित कर दिया गया है। यह कानून मौजूदा Income-tax Act, 1961 को पूरी तरह से बदल देगा और 1 अप्रैल 2026 से पूरे देश में लागू होगा। सरकार का कहना है कि इसका मुख्य उद्देश्य कर ढांचे को सरल, पारदर्शी और आधुनिक बनाना है।
क्यों लाया गया नया कानून?
1961 का पुराना आयकर कानून समय के साथ जटिल और लंबा हो चुका था। इसमें कई संशोधनों के चलते करदाताओं और पेशेवरों के लिए प्रावधानों को समझना मुश्किल हो रहा था। सरकार ने नए अधिनियम में भाषा और संरचना को सरल बनाया है ताकि आम करदाता भी इसे आसानी से समझ सके। इसके साथ ही आकलन, अपील, पेनल्टी, टीडीएस और अन्य प्रावधानों को नए सिरे से व्यवस्थित किया गया है।
कब से होगा लागू?
नया कानून वित्त वर्ष 2026-27 (आकलन वर्ष 2027-28) से प्रभावी होगा। यानी 1 अप्रैल 2026 से अर्जित आय पर यही प्रावधान लागू होंगे। उससे पहले की आय पर मौजूदा 1961 वाला ही कानून लागू रहेगा।
टैक्स स्लैब और दरें
नए अधिनियम के तहत दरें और छूट हर वर्ष के बजट या वित्त अधिनियम से तय होंगी। वर्तमान में (वित्त वर्ष 2025-26) सरकार द्वारा घोषित नई कर-व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब इस प्रकार हैं:
₹0–₹4 लाख : कोई कर नहीं
₹4–8 लाख : 5%
₹8–12 लाख : 10%
₹12–16 लाख : 15%
₹16–20 लाख : 20%
₹20–24 लाख : 25%
₹24 लाख से ऊपर : 30%
इसके अलावा, हालिया बजट में रिबेट और छूट की सीमा बढ़ाई गई है, जिससे प्रभावी रूप से लगभग ₹12–12.8 लाख तक की आय पर शून्य कर देयता संभव है।
वेतनभोगियों के लिए हाल के बदलाव
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अगस्त 2025 में वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत दी। अब “स्पेसिफ़ाइड एम्प्लॉयी” की आय सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹4 लाख कर दी गई है। साथ ही विदेश में मेडिकल इलाज पर मिलने वाली कर-मुक्त छूट की सीमा भी ₹8 लाख कर दी गई है।
सरकार का तर्क और लाभ
सरकार का कहना है कि यह कानून नए कर लगाने के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था को सरल बनाने के लिए लाया गया है। इससे:
करदाताओं को प्रावधान आसानी से समझने में मदद मिलेगी
अनुपालन आसान होगा
पुराने जटिल सेक्शनों की जगह नए स्पष्ट प्रावधान होंगे
व्यवसाय और निवेश के माहौल में पारदर्शिता बढ़ेगी
आयकर विभाग ने नए कानून को समझने के लिए नेविगेटर और FAQs भी जारी किए हैं, जिनसे पुराने प्रावधानों और नए क्लॉज़ का मिलान किया जा सकता है।
करदाताओं के लिए जरूरी चेकलिस्ट
1. FY 2026-27 से टैक्स प्लानिंग नए कानून के अनुरूप करें।
2. पुराने रिकॉर्ड/लॉसेज़ को देखें ताकि ट्रांज़िशन नियमों के अनुसार सही तरीके से एडजस्ट हो सकें।
3. वेतन संरचना में हालिया CBDT अधिसूचनाओं को शामिल करें।
निष्कर्ष
Income Tax Act, 2025 भारत की कर प्रणाली में बड़ा बदलाव है। यह न केवल पुराने जटिल प्रावधानों को खत्म करेगा, बल्कि करदाताओं और पेशेवरों के लिए नियमों को समझना और पालन करना भी आसान बनाएगा। 1 अप्रैल 2026 से लागू होने वाला यह अधिनियम देश की आर्थिक और कर व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
