पीएम मोदी का बिहार दौरा: गया से 13,000 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात, बक्सर थर्मल पावर यूनिट और गंगा पुल बने आकर्षण का केंद्र

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गया (बिहार), 22 अगस्त 2025।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार को विकास की बड़ी सौगात दी। गया के गांधी मैदान से उन्होंने करीब 13,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें ऊर्जा, सड़क, रेलवे, शहरी विकास और पर्यटन से जुड़ी योजनाएँ शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री और कई भाजपा व जेडीयू नेताओं ने मंच साझा किया।

बक्सर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का पहला यूनिट शुरू

इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि रही बक्सर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का पहला 660 मेगावॉट का यूनिट, जो अब बिजली उत्पादन शुरू कर चुका है। यह परियोजना 1,320 मेगावॉट की क्षमता वाली है और राज्य के बिजली संकट को काफी हद तक दूर करने में मदद करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्लांट से न सिर्फ बिहार बल्कि पूर्वी भारत को भी पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

आंटा–सिमरिया गंगा पुल का लोकार्पण

पीएम मोदी ने आंटा–सिमरिया गंगा पुल को भी देश को समर्पित किया। लगभग 1.86 किमी लंबे इस छह-लेन पुल का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर हुआ है। इसके साथ ही सड़कों के चौड़ीकरण और संपर्क मार्गों का काम भी पूरा किया गया है। लगभग 1,870 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह पुल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क को और मजबूत करेगा और मालवाहक परिवहन को गति देगा।

रेलवे और सड़क परियोजनाएँ

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कई रेलवे परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।

गया से दिल्ली के बीच Amrit Bharat Express को हरी झंडी दिखाई गई।

वैशाली-कोडरमा के बीच बौद्ध सर्किट ट्रेन की शुरुआत हुई, जो पर्यटन को बढ़ावा देगी।

राष्ट्रीय राजमार्ग-31 के बख्तियारपुर से मोकामा खंड को चौड़ा करने का काम पूरा हुआ, जिससे गंगा पार के जिलों तक पहुंच और आसान होगी।

शहरी और स्वच्छता योजनाएँ

नमामी गंगे कार्यक्रम के तहत मोंगर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और नेटवर्क का उद्घाटन हुआ। इसके अलावा, AMRUT 2.0 योजना के तहत कई शहरी इलाकों में पानी सप्लाई और सीवरेज से जुड़े प्रोजेक्ट्स की आधारशिला रखी गई। प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण व शहरी) के तहत हजारों लाभार्थियों को उनके घरों की चाबी भी सौंपी।

पीएम मोदी का संबोधन

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार विकास की नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ रहा है और केंद्र सरकार राज्य की बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि इन परियोजनाओं से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

नीतीश कुमार का बयान और राजनीतिक संदेश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंच से विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार ने ‘जंगल राज’ के दिनों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने बिना नाम लिए लालू यादव के शासनकाल का जिक्र किया और कहा कि विकास कार्यों को बाधित करने वालों को जनता अब पहचान चुकी है।

स्थानीय असर और भविष्य की उम्मीदें

इन परियोजनाओं के पूरा होने से बिहार में:

बिजली आपूर्ति बेहतर होगी।

उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन तेज और आसान होगा।

पर्यटन और धार्मिक स्थल (विशेषकर बौद्ध सर्किट) पर पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।

शहरी जीवन स्तर में सुधार होगा और गंगा प्रदूषण कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठेगा।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा चुनावी माहौल को भी प्रभावित करेगा। भाजपा और जेडीयू इन परियोजनाओं को अपनी उपलब्धि बताकर जनता से वोट मांग सकते हैं। वहीं विपक्ष इसे चुनावी दिखावा करार दे रहा है।

निष्कर्ष

पीएम मोदी का यह बिहार दौरा विकास और राजनीति दोनों लिहाज़ से अहम माना जा रहा है। बड़ी परियोजनाओं की सौगात जहां राज्य की आधारभूत संरचना को मजबूती देगी, वहीं आने वाले विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा भाजपा-जेडीयू गठबंधन के लिए मजबूत हथियार भी साबित हो सकता है।

 

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