PoK से घुसपैठ की बड़ी साजिश: 120 आतंकी मौके की तलाश में, BSF ने बढ़ाई निगरानी

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जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात को लेकर सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने गंभीर चेतावनी जारी की है। बीएसएफ के कश्मीर फ्रंटियर के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (गुलाम जम्मू-कश्मीर) में लगभग 69 से 72 आतंकवादी लॉन्चिंग पैड सक्रिय हैं, जहाँ करीब 120 आतंकी बैठे हुए सीमा पार घुसपैठ का मौका तलाश रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय बलों द्वारा पाकिस्तान के कई ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद कुछ लॉन्चिंग पैडों को नष्ट किया गया था, लेकिन उसके तुरंत बाद उन्हें गहराई वाले इलाकों में फिर से सक्रिय कर दिया गया। इससे एक बार फिर यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी समूह सर्दियों के मौसम से पहले अधिक से अधिक घुसपैठ कराने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

बीएसएफ का कहना है कि नियंत्रण रेखा पर इन दिनों असामान्य हलचल देखी जा रही है। आतंकियों की छोटी-छोटी टोलियाँ जंगलों और पहाड़ी रास्तों के आसपास लगातार घूमती देखी जा रही हैं ताकि भारतीय सुरक्षा बलों की गतिविधियों का आकलन किया जा सके। खुफिया इनपुट के अनुसार सीमा पार बैठे आतंकी धुंध, कम दृश्यता और बर्फबारी जैसे मौसमी बदलावों का फायदा उठाने की योजना बना रहे हैं। इस खतरे को देखते हुए भारतीय सेना और बीएसएफ ने एलओसी के कई सेक्टरों में हाई-टेक सर्विलांस सिस्टम, थर्मल इमेजर, ड्रोन और नाइट-विज़न उपकरणों के जरिए निगरानी और मजबूत कर दी है।

हाल के महीनों में कई घुसपैठ प्रयासों को समय रहते विफल भी किया गया है। सुरक्षा बलों ने संयुक्त ऑपरेशनों में कई आतंकियों को ढेर किया है और बड़ी मात्रा में हथियार व विस्फोटक बरामद किए हैं। बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को हवा देने की कोशिशें लगातार जारी हैं और नष्ट किए गए लॉन्चिंग पैड कुछ ही समय में दोबारा सक्रिय कर दिए जा रहे हैं। यही कारण है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा पर चौकसी और सख्त कर दी है। सुरक्षा बलों का यह भी कहना है कि आने वाले हफ्तों में घुसपैठ की कोशिशें और बढ़ सकती हैं, इसलिए सभी इकाइयों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी नेटवर्क अपने लॉन्चिंग पैडों को बार-बार लोकेशन बदलकर भारतीय निगरानी से बचने की कोशिश करता है। यही कारण है कि भारतीय सुरक्षा बल अपनी रणनीति लगातार अपडेट कर रहे हैं और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ तालमेल और मजबूत किया गया है। सीमावर्ती इलाकों में नागरिकों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत सुरक्षा बलों तक पहुंच सके। कुल मिलाकर, घाटी की सुरक्षा स्थिति भले ही नियंत्रण में हो, लेकिन सीमा पार से जारी आतंकी साजिशें अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं और भारतीय सुरक्षा बल इससे निपटने के लिए पूरी क्षमता और सजगता के साथ तैनात हैं।

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