कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर लंबे समय से चल रही अटकलों और सत्ता‑बंटवारे की चर्चाओं के बीच मंगलवार, 29 नवंबर 2025 को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सार्वजनिक रूप से एकजुटता का संदेश दिया। दोनों नेताओं की सुबह बेंगलुरु में ‘ब्रेकफास्ट मीटिंग’ हुई, जिसमें इडली‑सांभर, उपमा और केसरी बाथ परोसने के साथ मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि पार्टी में न कोई मतभेद है और न ही कोई भ्रम। पिछले कुछ समय से यह चर्चा थी कि मध्यावधि में मुख्यमंत्री बदलकर शिवकुमार को पद सौंपा जा सकता है, लेकिन दोनों नेताओं ने बार-बार इसे खारिज किया और कहा कि फिलहाल कोई रिक्ति नहीं है और कांग्रेस हाईकमान ने भी कोई बदलाव नहीं सुझाया है। सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि वे मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे और अभी पावर‑शेयरिंग या कैबिनेट फेरबदल का कोई निर्णय नहीं हुआ है, वहीं शिवकुमार ने कहा कि वे दोनों एक साथ काम कर रहे हैं और मीडिया में चल रही चर्चाएँ केवल अफवाह हैं।
ब्रेकफास्ट मीटिंग का उद्देश्य सार्वजनिक विवाद को रोकना और पार्टी संगठन एवं सरकार में स्थिरता बनाए रखना था। मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने यह संदेश भी दिया कि कांग्रेस की कर्नाटक इकाई पूरी तरह एकजुट है और आने वाले चुनावों और प्रशासनिक चुनौतियों के लिए मिलकर काम करने की तैयारी है। इस बैठक के बाद दोनों ने जोर देकर कहा कि अभी किसी भी नेतृत्व परिवर्तन की संभावना नहीं है और हाईकमान के निर्देशों का पालन करते हुए सरकार सुचारु रूप से काम करती रहेगी। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि फिलहाल की स्थिति स्थिर दिख रही है, लेकिन भविष्य में पार्टी में हलचल की संभावनाएँ बनी रह सकती हैं।
इस प्रकार, 29 नवंबर की यह मुलाकात और मीडिया ब्रीफिंग सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की स्पष्ट एकजुटता और कर्नाटक कांग्रेस में स्थिरता का संदेश देती है। दोनों नेताओं ने सार्वजनिक रूप से यह स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल मुख्यमंत्री पद और सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ा है, और पार्टी अगले चुनाव और प्रशासनिक चुनौतियों के लिए एक साथ काम करेगी। राजनीतिक माहौल में यह कदम संकट मोचन के रूप में देखा जा रहा है, जिससे अटकलों और भ्रम को रोकने का प्रयास किया गया है, लेकिन भविष्य में स्थिति बदलने की संभावना हमेशा बनी रहती है।













