G20 में भारत-फ्रांस की मजबूत जुगलबंदी, PM मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने बढ़ाया सहयोग का दायरा

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जोहान्सबर्ग में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। यह वार्ता सम्मेलन की औपचारिक बैठकों के बीच साइडलाइन पर आयोजित की गई, लेकिन इसका प्रभाव बहुपक्षीय और द्विपक्षीय दोनों स्तरों पर बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि दोनों देशों के बीच संबंध न केवल ऐतिहासिक रूप से मजबूत हैं, बल्कि आने वाले समय में वैश्विक विकास के लिए और भी अधिक उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत को “सुखद और सकारात्मक” बताया और कहा कि भारत-फ्रांस संबंध वैश्विक भलाई में सक्रिय योगदान देते रहेंगे। वहीं, राष्ट्रपति मैक्रों ने भी भारत-फ्रांस मित्रता की दीर्घकालिक मजबूती पर जोर देते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय साझेदारी का एक प्रेरक मॉडल बताया। दोनों नेताओं की प्रतिक्रियाओं ने साफ संकेत दिया कि यह सिर्फ औपचारिक मुलाकात नहीं थी, बल्कि उच्च स्तरीय रणनीतिक विश्वास और साझेदारी का विस्तार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी।

भारत और फ्रांस के बीच रक्षा, ऊर्जा, सिविल-न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स, तकनीकी नवाचार, अंतरिक्ष विज्ञान, जलवायु परिवर्तन, समुद्री सुरक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग वर्षों से लगातार मजबूत होता आया है। यह मुलाकात इसी सहयोग की निरंतरता और भविष्य के विस्तारित आयामों का संकेत देती है। दोनों देशों ने रक्षा उत्पादन और तकनीकी साझेदारी को और बेहतर बनाने की संभावनाओं पर विशेष ध्यान दिया, जिससे आत्मनिर्भरता और आधुनिक तकनीकी विकास को बढ़ावा मिल सकता है।

G20 के बहुपक्षीय मंच पर यह बातचीत वैश्विक मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण को भी उजागर करती है। चाहे वह जलवायु कार्रवाई हो, सतत विकास हो, डिजिटल परिवर्तन हो या वैश्विक दक्षिण के हितों की रक्षा — भारत और फ्रांस कई वैश्विक विषयों पर समान विचार रखते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन में विकासशील देशों, खासकर अफ्रीकी देशों, के लिए क्षमता निर्माण और कौशल विकास की पहलें प्रस्तुत कीं। इन लक्ष्यों के लिए भारत और फ्रांस मिलकर बहुपक्षीय सहयोग को नई दिशा दे सकते हैं।

पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय संपर्क लगातार बढ़ा है। कई रणनीतिक और तकनीकी समझौतों के माध्यम से भारत-फ्रांस संबंधों को 21वीं सदी की नई चुनौतियों के अनुरूप तैयार किया गया है। इस मुलाकात ने न केवल मौजूदा सहयोग की मजबूती का संकेत दिया, बल्कि भविष्य में रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, स्पेस टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल क्षेत्रों में नए अवसरों का भी दरवाजा खोला है। विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी-मैक्रों वार्ता दोनों देशों के बीच रणनीतिक विश्वास को और गहरा करेगी और आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय साझेदारी को नई गति देगी।

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