मई 2023 के बाद पहली बार मणिपुर आएंगे मोहन भागवत, विभिन्न समुदायों से करेंगे मुलाकात

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत 20 नवंबर को मणिपुर का दौरा करेंगे, जो मई 2023 में प्रदेश में भड़की जातीय हिंसा के बाद उनका पहला महत्वपूर्ण दौरा है। यह यात्रा लगभग डेढ़ साल बाद उस समय हो रही है जब राज्य अब भी सामाजिक तनाव, विस्थापन और पुनर्वास की चुनौतियों से उबरने की कोशिश कर रहा है। आरएसएस सूत्रों के अनुसार भागवत का यह तीन दिवसीय दौरा असम की बैठकों के बाद शुरू होगा, जिसके दौरान वे गुवाहाटी से सीधे इंफाल पहुंचेंगे। उनके कार्यक्रम में स्थानीय नागरिक संगठनों, उद्यमियों, आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों और सामाजिक समूहों से बातचीत शामिल है ताकि प्रदेश की मौजूदा परिस्थितियों, सुरक्षा माहौल और आपसी विश्वास बहाली पर चर्चा की जा सके।

मणिपुर में मई 2023 में हुई हिंसा ने राज्य की सामाजिक संरचना को गहराई से प्रभावित किया था। संघर्ष की वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हुई, हजारों नागरिक विस्थापित हुए और कई इलाकों में आज भी तनाव का माहौल महसूस किया जाता है। केंद्र और राज्य सरकारें लंबे समय से सुरक्षा, राहत और पुनर्वास की दिशा में अलग-अलग कदम उठा रही हैं, लेकिन कई क्षेत्रों में अभी भी सामुदायिक संवाद की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी पृष्ठभूमि में भागवत की यात्रा को एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य विभिन्न समुदायों के बीच वार्ता बढ़ाना और शांति की कोशिशों को मजबूत करना है।

आरएसएस ने इस दौरे को “सामाजिक समरसता और समुदायों के बीच बेहतर समझ” की दिशा में उठाया गया कदम बताया है। यात्रा के दौरान भागवत के मुलाकात कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान इसलिए भी है क्योंकि उनसे स्थानीय नेतृत्व की चिंताएँ सीधे सुनने और संघ की दृष्टि से शांति-स्थापना के मार्गों पर सुझाव रखने की उम्मीद है। स्थानीय मीडिया के अनुसार कई नागरिक समूह उनके साथ मुलाकात करके अपनी समस्याएँ, राहत की ज़रूरतें और पुनर्वास की स्थिति से जुड़ी बातें सामने रखेंगे। इस यात्रा को प्रदेश में सकारात्मक माहौल निर्माण के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है, जिससे आने वाले महीनों में सामाजिक-सामुदायिक स्तर पर कुछ ठोस सुधार देखने की उम्मीद बन सकती है।

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