UNSC में भारत का बयान: सीमा पार आतंकवाद और अवैध हथियार तस्करी पर कड़ा रुख

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने सीमा पार से जारी आतंकवाद और अवैध हथियारों की तस्करी पर गंभीर चिंता जताई। भारत के स्थायी मिशन के प्रतिनिधि ने अपने संबोधन में बिना किसी देश का नाम लिए पाकिस्तान को घेरते हुए कहा कि भारत स्वयं लंबे समय से इन चुनौतियों का शिकार रहा है। उन्होंने कहा कि सीमा पार से आतंकवाद, हथियारों की अवैध आवाजाही और चरमपंथ को बढ़ावा देने वाली गतिविधियाँ क्षेत्रीय शांति और वैश्विक सुरक्षा के लिए गहरा खतरा हैं।

भारतीय प्रतिनिधि ने स्पष्ट किया कि इन गतिविधियों से आम नागरिकों की जान को खतरा है और यह देशों के बीच विश्वास और स्थिरता को भी कमजोर करती हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण, हथियार आपूर्ति और प्रशिक्षण शिविरों को रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है। भारत ने सुझाव दिया कि सभी देशों को मिलकर खुफिया जानकारी साझा करने, सीमा सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद समर्थक नेटवर्क पर सख्त कदम उठाने चाहिए।

सत्र के दौरान भारत ने यह भी उल्लेख किया कि हाल के वर्षों में कई बार सीमा पार से हमले हुए हैं, जिनमें निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया। ऐसे हमले न केवल सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देते हैं, बल्कि यह साबित करते हैं कि आतंकवाद आज भी विश्व के लिए सबसे बड़ी चिंता बना हुआ है। भारत ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई केवल किसी एक देश की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का साझा दायित्व है।

यूएनएससी में भारत के इस बयान को कूटनीतिक हलकों में पाकिस्तान के प्रति अप्रत्यक्ष लेकिन कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत लगातार वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ ठोस और सामूहिक कार्रवाई की मांग कर रहा है। भारत का यह रुख न केवल अपनी सुरक्षा के दृष्टिकोण से, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में स्थिरता लाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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