फरीदाबाद, 8 नवंबर 2025 — बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा संचालित ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ शनिवार को फरीदाबाद पहुंची। यह यात्रा दिल्ली के छतरपुर से आरंभ होकर 16 नवंबर को वृंदावन में संपन्न होगी। यात्रा के फरीदाबाद पहुंचने पर यहां हजारों श्रद्धालु और समर्थक बाबा बागेश्वर के स्वागत के लिए जुटे। इस अवसर पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी उपस्थित रहे। उन्होंने बाबा बागेश्वर से भेंट की और सनातन एकता का संदेश देने वाली इस पदयात्रा की सराहना की।
यात्रा के दौरान कई प्रसिद्ध हस्तियां भी शामिल रहीं, जिनमें क्रिकेटर शिखर धवन, तेज गेंदबाज उमेश यादव, और रेसलर द ग्रेट खली के नाम प्रमुख हैं। यह पदयात्रा धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक मानी जा रही है। बाबा बागेश्वर ने अपने संबोधन में कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य देशभर में सनातन धर्म और हिंदू एकता का संदेश फैलाना है। उन्होंने लोगों से सामाजिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता बनाए रखने का आह्वान किया।
फरीदाबाद प्रशासन ने इस बड़े आयोजन के मद्देनज़र सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था के विशेष इंतज़ाम किए। लगभग 2000 पुलिसकर्मी, क्राइम ब्रांच, और सीआईडी के जवानों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, ड्रोन निगरानी के तहत यात्रा के पूरे मार्ग पर नज़र रखी जा रही है। भीड़ को देखते हुए कई मार्गों को अस्थायी रूप से बंद किया गया और ट्रैफिक को वैकल्पिक रास्तों से डायवर्ट किया गया है। गुड़गांव-फरीदाबाद मार्ग पर सुबह से शाम तक आंशिक यातायात प्रतिबंध भी लगाए गए ताकि जनसुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यह यात्रा दिल्ली से निकलकर फरीदाबाद, बल्लभगढ़ और पलवल से होती हुई वृंदावन तक जाएगी। आयोजन समिति के अनुसार, रास्ते में कई जगहों पर जनसभाएं, धार्मिक प्रवचन और भजन-संध्या कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यात्रा के दौरान स्थानीय लोग और भक्त बड़ी संख्या में शामिल होकर बाबा बागेश्वर का आशीर्वाद ले रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भी पदयात्रा की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। श्रद्धालुओं ने इसे “सांस्कृतिक एकता का पर्व” बताया है। वहीं, प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे शांतिपूर्वक यात्रा में भाग लें और सुरक्षा नियमों का पालन करें।
यह पदयात्रा अब हरियाणा के अन्य हिस्सों से होते हुए आगे बढ़ रही है और आने वाले दिनों में वृंदावन पहुंचकर संपन्न होगी। आयोजन समिति का कहना है कि यह यात्रा न केवल धार्मिक एकता का प्रतीक है बल्कि समाज में प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का संदेश भी लेकर आई है।













