बिहार विधानसभा चुनाव 2025: महागठबंधन में आठ सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’, राहुल-तेजस्वी के प्रत्याशी आमने-सामने

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर असहमति स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है। कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच कम से कम आठ विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं, जिससे गठबंधन की एकता पर सवाल उठने लगे हैं। उदाहरण के लिए, लालगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस ने आदित्य कुमार को उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि राजद ने शिवानी शुक्ला को अपना प्रत्याशी घोषित किया। इसी तरह, मोतिहारी, बेतिया और सहरसा जैसी सीटों पर भी दोनों दलों ने अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं, जिससे महागठबंधन के भीतर टकराव की स्थिति बन गई है।

महागठबंधन में असहमति केवल सीटों के बंटवारे तक ही सीमित नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ताहिर अनवर ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का समर्थन किया है, वहीं अन्य नेताओं ने भी इस दिशा में संकेत दिए हैं। इस प्रकार, गठबंधन के भीतर मतभेद अभी भी बरकरार हैं, जिससे गठबंधन की रणनीति पर असर पड़ने की संभावना है।

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वे चुनावी प्रक्रिया में धन और अन्य प्रलोभनों के अवैध प्रवाह को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं। इससे यह स्पष्ट है कि चुनाव आयोग चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सतर्क है।

सारांश रूप में कहा जा सकता है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन में सीटों के बंटवारे और प्रत्याशी चयन को लेकर विवाद बढ़ रहा है। यदि यह असहमति समय रहते सुलझाई नहीं गई, तो इसका फायदा विपक्षी दलों को मिल सकता है। चुनाव आयोग की सख्ती से यह उम्मीद की जा रही है कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी रहेगी।

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