उत्तराखंड की राजनीति एक बार फिर सरगर्म है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली दौरे को लेकर प्रदेश में कैबिनेट विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, सीएम धामी 17 अक्टूबर 2025 को दिल्ली रवाना होंगे, जहां वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में राज्य कैबिनेट विस्तार को लेकर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। दरअसल, उत्तराखंड मंत्रिमंडल में फिलहाल कुछ मंत्री पद रिक्त हैं और लंबे समय से इन्हें भरने की चर्चाएं चल रही हैं।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि आगामी विधानसभा चुनावों और संगठनात्मक संतुलन को ध्यान में रखते हुए नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। बताया जा रहा है कि लगभग पाँच मंत्री पद खाली हैं, जिन पर क्षेत्रीय, जातीय और संगठनात्मक संतुलन साधने के लिए विचार किया जा रहा है। कई विधायकों ने हाल के दिनों में मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात कर अपनी दावेदारी पेश की है, जिससे पार्टी के भीतर उत्सुकता और प्रतिस्पर्धा दोनों बढ़ गई हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सहित वरिष्ठ नेताओं ने भी मुख्यमंत्री से इस विषय पर चर्चा की है। पार्टी संगठन और सरकार के बीच समन्वय बनाए रखने के लिए यह विस्तार अहम माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि धामी सरकार अब ऐसे चेहरों को शामिल करना चाहती है, जो जनहित के मुद्दों पर बेहतर काम कर सकें और आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति मजबूत कर सकें।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कैबिनेट विस्तार केवल प्रशासनिक जरूरत नहीं बल्कि भाजपा की दीर्घकालिक राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। आने वाले समय में पार्टी राज्य के सभी क्षेत्रों में अपना जनाधार मजबूत करना चाहती है और यही वजह है कि विस्तार में क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन को प्राथमिकता दी जा रही है।
हालांकि अभी तक न तो मुख्यमंत्री कार्यालय और न ही पार्टी हाईकमान की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा की गई है। माना जा रहा है कि दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व से चर्चा के बाद ही विस्तार की तारीख और नए मंत्रियों के नामों का ऐलान किया जाएगा। फिलहाल, उत्तराखंड की सियासत में कैबिनेट विस्तार को लेकर अटकलों और उम्मीदों का दौर जारी है।













