दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ने लगी है, जिसके चलते वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का पहला चरण (Stage-1) लागू कर दिया है। इस बार यह फैसला 2024 की तुलना में एक दिन पहले लिया गया है। राजधानी के विभिन्न इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘Poor (201–300)’ श्रेणी में पहुंच गया है, जहां औसतन AQI का स्तर लगभग 211 दर्ज किया गया। वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए आयोग ने दिल्ली सरकार और सभी संबंधित एजेंसियों को तुरंत आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
GRAP-1 लागू होने के साथ ही कई प्रतिबंध और एहतियाती कदम प्रभावी हो गए हैं। इनमें सबसे पहले खुले में कचरा या जैविक अपशिष्ट जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपाय जैसे पानी का छिड़काव, निर्माण सामग्री को ढंककर रखना, और धूल कम करने के उपकरणों का प्रयोग अनिवार्य किया गया है। सड़कों पर मशीनों से सफाई (मेकनाइज्ड स्वीपिंग) और नियमित पानी छिड़काव की व्यवस्था बढ़ाई गई है। साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों और डीजल जनरेटरों पर भी सख्त निगरानी रखी जा रही है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे गैर-जरूरी बाहरी गतिविधियों को कम करें और निजी वाहनों का उपयोग सीमित रखें ताकि वाहनों से निकलने वाले धुएं को कम किया जा सके।
दिल्ली सरकार ने भी इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए प्रशासनिक स्तर पर कई त्वरित कदम उठाए हैं। नगर निगमों को सड़कों की सफाई और पानी छिड़काव की आवृत्ति बढ़ाने का आदेश दिया गया है। वहीं, पर्यावरण विभाग ने सभी निर्माण एजेंसियों को नोटिस जारी करते हुए धूल नियंत्रण मानकों का सख्ती से पालन करने को कहा है। परिवहन विभाग को सार्वजनिक परिवहन को और अधिक प्रभावी बनाने और निजी वाहनों पर निर्भरता घटाने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पराली जलाने जैसे बाहरी स्रोतों से आने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय स्थापित किया जाए।
विशेषज्ञों का मानना है कि वायु प्रदूषण में यह वृद्धि मौसमीय परिस्थितियों और स्थानीय प्रदूषण स्रोतों की वजह से हो रही है। इस समय हवा की गति कम है और रात के समय तापमान गिरने के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं, जिससे PM2.5 और PM10 कण हवा में लंबे समय तक बने रहते हैं। हालांकि पराली जलाने का असर अभी सीमित बताया जा रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में इसके बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों ने लोगों को खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस के रोगियों को घरों में रहने, मास्क पहनने और ज़रूरी एहतियात बरतने की सलाह दी है।
CAQM ने यह भी संकेत दिया है कि यदि आने वाले दिनों में प्रदूषण स्तर और बढ़ता है, तो GRAP के अगले चरण — Stage-2 या Stage-3 — को भी लागू किया जा सकता है। इन चरणों में और भी सख्त कदम जैसे डीजल जनरेटरों पर पाबंदी, निर्माण गतिविधियों पर रोक और कुछ श्रेणी की निजी वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध शामिल हैं। आयोग का कहना है कि इन उपायों का उद्देश्य स्थिति को गंभीर होने से पहले नियंत्रित करना है।
इस बीच, दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे आने वाले त्योहारों के दौरान पटाखों का उपयोग न करें और स्वेच्छा से पर्यावरण की रक्षा में सहयोग दें। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि नागरिक स्तर पर भी जिम्मेदारी दिखाई जाए और सरकारी प्रयासों का पालन किया जाए, तो आने वाले सप्ताहों में वायु गुणवत्ता में सुधार संभव है। वर्तमान परिस्थितियों में GRAP का समय से पहले लागू होना सरकार की एक प्रोएक्टिव रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिससे राजधानी की हवा को और अधिक जहरीली होने से रोका जा सके।













