ट्रंप का बड़ा बयान: पुतिन को नहीं पता वे क्या कर रहे हैं, यूक्रेन को मिल सकती है टोमहॉक मिसाइल

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बार फिर तीखा बयान दिया है। ट्रंप ने कहा कि यह युद्ध शुरू होने के सिर्फ एक सप्ताह में ही समाप्त हो जाना चाहिए था, लेकिन आज तक रूस इसे खींचता जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर व्लादिमीर पुतिन क्या चाहते हैं और इस युद्ध को इतना लंबा क्यों कर रहे हैं। ट्रंप ने स्पष्ट कहा कि अगर रूस अपनी कार्रवाइयाँ नहीं रोकता तो अमेरिका यूक्रेन को लंबी दूरी की टोमहॉक मिसाइलें देने पर विचार कर सकता है। यह बयान उन्होंने हाल ही में एक मीडिया बातचीत में दिया, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई बहस छेड़ दी है।

ट्रंप ने कहा कि रूस के निरंतर हमले अब मानवता के खिलाफ हो गए हैं, क्योंकि इन दिनों रूस ने नागरिक ठिकानों, अस्पतालों और ऊर्जा ढांचे पर हमले तेज कर दिए हैं। यूक्रेन के खार्कीव क्षेत्र में हालिया मिसाइल और ड्रोन हमलों से अस्पताल और बिजली आपूर्ति प्रणाली बुरी तरह प्रभावित हुई है। यूक्रेन सरकार ने इसे “आतंकी हमला” बताते हुए संयुक्त राष्ट्र से कार्रवाई की मांग की है। इन घटनाओं के बीच अमेरिका और उसके सहयोगी देशों का रुख भी सख्त होता दिख रहा है। ट्रंप का बयान ऐसे समय आया है जब वाशिंगटन और कीव के बीच नई सैन्य सहायता पर चर्चा चल रही है।

रूस की ओर से इस बयान पर मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। क्रेमलिन ने कहा कि वे “शांति वार्ता की दिशा में किसी भी प्रयास का स्वागत करते हैं,” लेकिन साथ ही चेतावनी भी दी कि यदि अमेरिका ने यूक्रेन को टोमहॉक जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें दीं तो यह युद्ध के दायरे को और खतरनाक बना देगा। रूस ने इसे अमेरिका की “खतरनाक उकसावे वाली नीति” बताया है और कहा कि इससे मॉस्को और वॉशिंगटन के संबंध और खराब हो सकते हैं।

यूरोप के कई देश इस नई स्थिति को लेकर चिंतित हैं। पोलैंड और जर्मनी जैसे नाटो सदस्य देशों ने अपनी एयर डिफेंस क्षमताओं को मजबूत करने की योजना तेज कर दी है। यूरोपीय विश्लेषकों का कहना है कि अगर अमेरिका वास्तव में यूक्रेन को उन्नत हथियार देने लगता है, तो यह न केवल युद्ध के स्वरूप को बदल देगा, बल्कि पूरे यूरोप को नई अस्थिरता की ओर धकेल सकता है।

ट्रंप के बयान को लेकर विश्लेषकों में भी मतभेद है। कुछ इसे रूस पर दबाव बनाने की कूटनीतिक रणनीति मानते हैं, जबकि कुछ इसे एक नई सैन्य प्रतिस्पर्धा की शुरुआत बताते हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप अपनी संभावित चुनावी रणनीति के तहत खुद को एक निर्णायक नेता के रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं, जो विश्व शांति के लिए सख्त कदम उठाने को तैयार हैं। वहीं, रूस के बढ़ते हमले और यूक्रेन की प्रतिरोधक कार्रवाई इस बात की ओर संकेत कर रहे हैं कि युद्ध का अंत फिलहाल दूर नजर आ रहा है।

कुल मिलाकर, ट्रंप का “एक सप्ताह में खत्म हो जानी थी यह जंग” वाला बयान वैश्विक चर्चा का विषय बन गया है। यह न केवल रूस के लिए चेतावनी है बल्कि नाटो और यूरोपीय देशों के लिए भी एक संकेत है कि आने वाले समय में अमेरिका यूक्रेन नीति को और आक्रामक दिशा में ले जा सकता है।

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