जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक निजी एसी स्लीपर बस मंगलवार दोपहर उस समय आग की लपटों में घिर गई जब वह थैयात गांव के पास जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर तेज रफ्तार से दौड़ रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस में अचानक धुआं उठने लगा और कुछ ही मिनटों में आग ने पूरे वाहन को अपनी चपेट में ले लिया। उस वक्त बस में करीब 50 से 57 यात्री सवार थे। घबराए यात्रियों ने अपनी जान बचाने के लिए खिड़कियों के शीशे तोड़े और चलती बस से कूदकर बाहर निकले। कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए, जबकि 10 से 12 लोगों के जिंदा जल जाने की आशंका जताई जा रही है।
आग लगते ही मौके पर अफरातफरी मच गई। आसपास के ग्रामीणों और राहगीरों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। कई लोगों ने झुलसे यात्रियों को बस से बाहर निकालकर सड़क किनारे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने में जुट गई। दमकलकर्मियों ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझाई, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी थी।
घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया। झुलसे यात्रियों को तुरंत जवाहर अस्पताल भेजा गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। गंभीर रूप से घायल कुछ लोगों को जोधपुर रेफर किया गया है। बताया जा रहा है कि मरने वालों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है, लेकिन कई शव बस के अंदर से बरामद किए जाने की आशंका है।
शुरुआती जांच में बस में शॉर्ट सर्किट या इंजन के ओवरहीट होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हादसे के वास्तविक कारण का खुलासा किया जाएगा। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और बस ऑपरेटर से भी पूछताछ की जा रही है।
इस हादसे ने क्षेत्र में शोक और दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग इतनी भयंकर थी कि कुछ ही मिनटों में बस धधकती आग का गोला बन गई। कई लोग बाहर निकलने में कामयाब रहे, लेकिन जो अंदर फंस गए, वे बच नहीं सके। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने और घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
यह दर्दनाक हादसा फिर एक बार सड़क सुरक्षा और वाहन मेंटेनेंस की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि लम्बे रूट पर चलने वाली निजी बसों में अक्सर सुरक्षा उपकरणों की कमी और नियमित जांच न होने के कारण ऐसे हादसे होते हैं। फिलहाल पुलिस, फायर ब्रिगेड और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर मौजूद हैं और राहत-बचाव कार्य जारी है।













