गूगल ने भारत में अपनी सबसे बड़ी ए.आई. परियोजना की घोषणा की है और अगले पांच वर्षों में लगभग 15 अरब डॉलर (लगभग ₹1.33 लाख करोड़) का निवेश करने का निर्णय लिया है। इस निवेश का उद्देश्य आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक विशाल डेटा सेंटर और ए.आई. हब का निर्माण करना है, जो गूगल का अमेरिका के बाहर पहला और सबसे बड़ा ए.आई. हब होगा।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी और इसे ‘मील का पत्थर’ बताया। उन्होंने कहा कि यह हब गीगावॉट-स्तरीय कंप्यूटिंग क्षमता, आधुनिक डेटा प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और बड़े पैमाने पर ऊर्जा अवसंरचना से लैस होगा। इस परियोजना से भारत में ए.आई. नवाचार को तेजी मिलेगी और डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। यह कदम भारत सरकार के ‘विकसित भारत 2047’ दृष्टिकोण के अनुरूप भी है।
इस परियोजना में गूगल ने भारती एयरटेल और अदानी समूह के साथ साझेदारी की है। अदानी समूह की सहायक कंपनी ‘अदानीकनेक्स’ इस परियोजना के निर्माण और विकास में मदद करेगी, जबकि एयरटेल की दूरसंचार नेटवर्किंग और अदानी की बुनियादी ढांचा क्षमताओं का लाभ उठाया जाएगा। इस सहयोग से भारत में ए.आई. और क्लाउड सेवाओं के लिए एक मजबूत आधार तैयार होगा और वैश्विक स्तर पर तकनीकी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
विशाखापत्तनम में स्थापित होने वाला यह ए.आई. हब गूगलग की सबसे उन्नत तकनीक से लैस होगा। परियोजना की समयसीमा 2026 से 2030 तक है। इसका उद्देश्य न केवल भारत में ए.आई. नवाचार को बढ़ावा देना है, बल्कि भारतीय उद्यमों और स्टार्टअप्स को ए.आई. और क्लाउड सेवाओं का लाभ भी पहुंचाना है। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और डिजिटल अवसंरचना मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना का स्वागत करते हुए इसे भारत के डिजिटल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने गूगल, एयरटेल और अदानी समूह का धन्यवाद किया और इस साझेदारी को ‘विकसित भारत’ की दिशा में एक बड़ी पहल बताया। इस निवेश से भारत में ए.आई. और डिजिटल अवसंरचना के क्षेत्र में एक नई दिशा खुलेगी, जो तकनीकी विकास, आर्थिक समृद्धि और रोजगार सृजन में सहायक होगी।













