हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में राज्य सरकार ने बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। इस मामले में रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजराणिया को उनके पद से हटा दिया गया और उनकी जगह सुरेंद्र सिंह भोरिया को नया एसपी नियुक्त किया गया। पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में 16 अधिकारियों का उल्लेख किया था, जिनमें से 15 पर उन्होंने मानसिक उत्पीड़न, जातिवाद और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इन आरोपित अधिकारियों में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजराणिया शामिल थे।
पूरन कुमार की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस को पत्र लिखकर आरोपित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा उनके पति को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिससे उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। इस पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और मामले की जांच शुरू की। जांच की गंभीरता को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने छह सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता आईजी रैंक के अधिकारी करेंगे। यह कदम मामले की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
पूरन कुमार की आत्महत्या ने प्रशासनिक तंत्र के साथ-साथ राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी हलचल मचा दी है। कांग्रेस नेता राव दान सिंह ने इस घटना को हरियाणा के लिए आत्ममंथन का विषय बताया और निष्पक्ष जांच की मांग की। राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने का आश्वासन दिया है। पूरे मामले में आगे की कार्रवाई और जांच की दिशा पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, और प्रशासन की प्राथमिकता निष्पक्ष जांच और न्याय सुनिश्चित करना बनी हुई है।
